गदरपुर क्षेत्र में हो रही है केसर की खेती!
- 151045804 - SHAHANOOR ALI
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एंकर - दुनिया मे सबसे महंगा पाया जाने वाला पौधा जो ज्यादा महंगा होने के कारण इसे लाल सोना भी कहा जाता है जिसे हर कोई खाने की इच्छा रखता है हम बात कर रहे जम्मू-कश्मीर की ठंडी वादियों में उगने वाली फसल केसर की जो अब उधम सिंह नगर जिले के गदरपुर में भी केसर की पैदावार शुरू हो गई है जिससे क्षेत्र में केसर खाने वाले लोगो में खुशी का माहौल है तो वही केसर की खेती को देखने के लिए क्षेत्र के लोग गदरपुर के केसावगड़ स्थित विक्की सिंह के घर पहुच रहे है
आपको बता दे कि केसर फसल वो फसल है जिसकी खेती करना बहुत आसान है और ज्यादा मेहनत की भी कोई आवश्यकता नही होती है साथ साथ केसर की खेती ही एक ऐसा खेती है जिससे किसानों को सबसे ज्यादा मुनाफा होता है क्योंकि इसकी कीमत प्रति एक किलो एक लाख रुपए है साथ ही केसर का बीज भी एक लाख रुपए प्रति किलो है जो कि सिर्फ 3 या 4 महीने में तैयार हो जाता है
विओ - केसर की कीमत भी दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है क्योंकि केसर का सेवन करने से लोगों को बहुत से फायदे मिलते हैं और ज्यादा कीमत होने के कारण जिसकी खेती करने से किसानों को अच्छा लाभ भी मिल सकता है
आपको बता दें कि केसर की खेती आमतौर पर पहले ठंडी वादियों के जम्मू कश्मीर के रेतीली चिकनी बलुई और दोमट मिट्टी में होती थी लेकिन अब अन्य मिट्टी में भी आसानी से इसकी खेती हो जाती है लेकिन सिर्फ भूमि में आसानी से पानी का निकास होना चाहिए इसी के चलते गदरपुर के केसावगड़ के विक्की सिंह ने केसर की खेती करने के लिए राजस्थान से 100 ग्राम बीज 10000 रुपयों में लाकर अपने घर में ही एक कनाल जगह में केसर का पौधा लगाया जिसमें किसी भी प्रकार की कोई भी रासायनिक खाद का इस्तेमाल नही सिर्फ गोबर की खाद , दही , नीम के पत्ते , गोमूत्र का स्प्रे किया इन सब प्रक्रिया में महेस 30000 का खर्चा हुआ अब फसल पककर पूरी तैयार हो गया जिसमें से अब तक करीब 6 किलो केसर का फूल तोरे जा चुके हैं जिसकी कीमत करीब छ लाख है जबकि अभी भी करीब 2 किलो केसर का फूल बचा हुआ है साथ ही कम से कम 6 किलो बीज भी तैयार होना है जिसकी कीमत भी करीब 6 लाख है कुलमिलाकर एक कनाल खेत मे मात्र तीस हजार खर्च करके करीब 13 या 14 लाख का मुनाफा होगा। ।
इस दौरान किसान विक्की सिंह ने कहा कि यह फसल 4 - 5 महीने में तैयार होती है मैंने अपने घर में एक कनाल जगह तैयार करके अच्छे से पानी लगाया और खुद इसकी देखभाल की व मजदूरों के द्वारा भी देखभाल कराई इसमें से 6 किलो माल तोड़ भी लिया है और 6 किलो बीज भी है इसमें मुझे लगभग 10 से 12 लाख का प्रॉफिट होगा और एक कनाल में बहुत बढ़िया फसल हुई है मेरा कहना है कि हर किसान को ज्यादा से ज्यादा इसी को लगाना चाहिए कम खर्च ज्यादा फायदा मुझे इसके बीच का 15000 का बयान अभी मिल चुका है पंतनगर में हमने इसका सैंपल भी भेज रखा है वह भी बुला रहे हैं तथा केसर व इसके बीच का रेट एक से डेढ़ लाख तक है यह बीज में राजस्थान से लाया था । 100 ग्राम बीज ₹10000 का लाया था जिसके बाद गोबर की खाद डालकर मैंने खेत तैयार किया उसके बाद मैंने इसे बोया इसके बाद मैंने आयुर्वेदिक दवा डाली जैसे दही लस्सी और गोमूत्र का स्प्रे इसकी फसल पर किया वह दो से तीन बार पानी लगाया वह तीन चार बार इसकी गुड़ाई करें अब हमारी फसल पूरी तरह तैयार है और इसमें से हम 6 किलो माल निकाल चुके हैं
विओ - केसर के उत्पादन के लिए आपको ध्यान देना होगा की जिस खेत में आप केसर की खेती करने जा रहे है उसकी मिटटी रेतीली चिकनी बलुई या फिर दोमट मिट्टी होनी चाहिए। लेकिन केसर की खेती अन्य मिट्टी में भी आसानी से हो जाता है जिस भूमि में पानी का निकास आसानी से हो या किया जा सके। भूमि का चयन करते समय ऐसे भूमि का चयन करे जिसकी मिट्टी में पानी का जमाव नहीं होता हो। अगर भूमि में पानी का जमाव होगा तो फसल काफी हद तक प्रभावित होगी।
केसर का बीज बोने या लगाने से पहले खेत को अच्छी तरह से जुताई कर मिट्टी को भुरभुरा बना ले और अंतिम जुताई से पहले 20 टन गोबर का खाद और साथ में 90 किलोग्राम नाइट्रोजन 60 किलोग्राम फास्फोरस और पोटाश प्रति हेक्टेयर के दर से अपने खेत में डाल कर अच्छी तरह से जुताई कर ले। इससे आपकी जमीन उर्वरक और भुरभरी बनी रहेगी एवं केसर की फसल काफी हद तक सही होगा! देखें गदरपुर से शाहनूर अली की रिपोर्ट 45804