कोतवाल की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल; पत्रकारों ने कहा– समाज में अपमानित करने जैसा व्यवहार, बर्दाश्त नहीं होगी अनदेखी
फास्ट न्यूज़ इंडिया उत्तराखंड गदरपुर। थाना गदरपुर पुलिस द्वारा अल्पसंख्यक दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में क्षेत्रीय अल्पसंख्यक पत्रकारों को पूरी तरह नजरअंदाज किए जाने से पत्रकारों में भारी रोष व्याप्त है। पुलिस प्रशासन के इस उपेक्षापूर्ण रवैये को पत्रकारों ने अपनी भावनाओं और सम्मान पर चोट बताया है।
'चोली-दामन' के साथ में पुलिस ने पैदा की दूरी
वरिष्ठ पत्रकार महेंद्रपाल सिंह ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पुलिस और पत्रकारों का साथ हमेशा 'चोली-दामन' जैसा रहा है, लेकिन गदरपुर कोतवाल ने अल्पसंख्यक दिवस जैसे महत्वपूर्ण अवसर पर अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखने वाले पत्रकारों को निमंत्रण न देकर इस रिश्ते की गरिमा को ठेस पहुंचाई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस प्रकार की अनदेखी को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
समाज में अपमानित करने का आरोप
पत्रकारों का कहना है कि अल्पसंख्यक दिवस पर विशेष रूप से उन्हीं के समुदाय के कलमकारों को न बुलाना उन्हें समाज के सामने अपमानित करने के समान है। यह केवल एक निमंत्रण का मामला नहीं, बल्कि पत्रकारों के अस्तित्व और उनके सम्मान की अवहेलना है। अल्पसंख्यक पत्रकारों ने एकजुट होकर इस घटना पर अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया है।
विरोध जताने वालों में प्रमुख नाम
इस अनदेखी के खिलाफ आवाज उठाने वालों में राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त पत्रकार व संपादक (कुमाऊं वाणी) जुल्फकार अली, देवेंद्र सिंह, महेंद्रपाल सिंह, उमर अली, शाहनूर अली, रिजवान अख्तर सहित कई अन्य पत्रकार शामिल हैं। सभी ने एक स्वर में कहा कि प्रशासन का यह भेदभावपूर्ण व्यवहार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को कमजोर करने वाला है। शाहनूर अली 151045804
