डॉ. श्रुति उपाध्याय के सुरों पर श्रोता हुए मंत्रमुग्ध
वाराणसी । शिक्षा-मन्त्रालय भारत सरकार, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र प्रयागराज और दक्षिण क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र द्वारा काशी के नमो घाट पर चल रहे “काशी तमिल संगमम्-04” में आज सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय की संगीत विभाग की अध्यापिका डॉ. श्रुति सारस्वत उपाध्याय की सांगीतिक प्रस्तुति हुई। उन्होंने मां गंगा की स्तुति हे ग़गा मईया बसब एही नगरी और भजन तीर्थों में विख्यात काशी विश्वनाथ सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
काशी सर्व-विद्या के साथ-साथ संगीत का भी शहर
इस उपलब्धि पर कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा ने कहा कि काशी को विद्या के साथ संगीत का भी शहर कहा जाता है। यहां ऐसे कई उपासक हुए, जिन्होंने संगीत के साथ महादेव की उपासना की। भक्ति का यह मार्ग 'नादोपासना' है। महादेव की इस आराधना में सिर्फ काशी के ही नहीं, बल्कि दक्षिण भारत के भी विद्वान शामिल हैं. उन्होंने काशी में हिन्दुस्तानी और कर्नाटक संगीत को एक साथ लाने का काम किया है।
"काशी तमिल संगमम्" के माध्यम से उत्तर से दक्षिण का संगम है, संगीत में भी दोनों क्षेत्रों का मिलन है, परस्पर इस साधना का प्रभाव दोनों जगह की संस्कृतियों पर पड़ेगा। संस्कृतियों के आदान प्रदान यह अत्यन्त सुन्दर माध्यम है।भारतीय आध्यात्मिक परम्परा में नाद को ब्रह्म स्वरूप माना गया है. ‘नादमयम् जगत’, यानी यह संसार ही ध्वनि का विस्तार है। बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ की गलियों, यहां के मन्दिरों और घाटों पर गूंजते शंख, घंटियां और वेदों का पाठ नादोपासना की अभिव्यक्ति है।संगीत साहित्य शास्त्र की विधा है।जीवन का वास्तविक दर्शन संगीत साधना है। विश्वविद्यालय में संगीत विभाग की अध्यापिका डॉ श्रुति उपाध्याय ने एवं यहां कर्मचारी डॉ आलोक मिश्र के द्वारा अतिसुंदर प्रस्तुति के हार्दिक बधाई।
काशी संगीत साधना का केन्द्र है*
श्रुति उपाध्याय ने बताया कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में आयोजित काशी तमिल संगमम् में आज सांगीतिक प्रस्तुति करके अत्यन्त प्रसन्नता हो रही है और काशी में इस तरह अवसर मिलना निश्चित रूप से सौभाग्य की बात है। काशी साधना का केन्द्र है।
तबले पर डाॅ. सन्तोष सिंह और हारमोनियम पर श्री आलोक मिश्रा ने साथ दिया। श्रुति उपाध्याय की उपलब्धि पर विश्वविद्यालय में हर्ष व्याप्त है और विश्वविद्यालय की ओर से उन्हें शुभकामनाएं दी गई हैं। कार्यक्रम में अनेक गणमान्य लोगों की उपस्थिति रही ।। रविन्द्र गुप्ता
