उज़्बेकिस्तान, चीन, बहरीन और थाईलैंड में बेहतरीन प्रदर्शन
वाराणसी । नैना यादव उत्तर प्रदेश की पहली महिला हैंडबॉल खिलाड़ी बन गई है जिसने एक साल में चार विभिन्न देशों में अपने शानदार खेल की बदौलत भारत का नाम रोशन किया। दो बार भारतीय टीम की उप कप्तान भी रही। शुक्रवार को नैना यादव वाराणसी में अपने होम ग्राउंड परमानंदपुर मिनी स्टेडियम आई थी। इसी मैदान पर नैना ने हैंडबॉल की एबीसीडी सीखी।
नैना ने पत्रकारों को शुक्रवार को बताया कि शुरू में ग्रामीण क्षेत्र की रहने के कारण कई तरह के ताने भी सुनना पड़ता था। कई बार माता पिता की मार भी खानी पड़ी। एक बार तो मुझे घर में बंद कर दिया गया। लेकिन मैने अपने आप से वायदा किया था कि मैं अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी बनूंगी।
नैना यादव ने वर्ष 2025 में भारतीय टीम की तरफ से उज़्बेकिस्तान, चीन,बहरीन और थाईलैंड में आयोजित अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में खेली। चीन और बहरीन में उप कप्तान भी रही। नैना ने बताया कि भारत महिला हैंडबॉल में नया पावर हाउस बन रहा है। अभी एशिया में हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। भवानीपुर गांव की रहने वाली नैना के पिता राम जी यादव पेशे से राजगीर मिस्त्री हैं। नैनबका हर कदम पर साथ देने वाली बड़ी बहन चांदनी ने बताया कि रिश्तेदार और गांव के लोगों का बर्ताव पूरी तरह से बदल गया है। सभी लोग प्रशंसा करते हैं। हमारा भी रिश्ता नैना के घर से है। उत्तर प्रदेश में नैना यादव पहली महिला हैंडबॉल खिलाड़ी है जिसने एक साल में चार अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। इनसेट जब आंसू छलक उठे नैना जैसे ही अपने होम ग्राउंड विकास इंटर कॉलेज पर पहुंची। वहां पर मौजूद 50 से अधिक हैंडबॉल खिलाड़ियों और कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ एके सिंह ने माल्यार्पण कर शानदार स्वागत किया। अपने स्वागत से अभिभूत नैना के उस समय आंसू छलक उठे।
नैना यादव विकास इंटर कालेज की क्लास 11 की छात्रा हैं ।। रविन्द्र गुप्ता
