फास्ट न्यूज इंडिया यूपी प्रतापगढ़। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के हिंदू सम्मेलन के कार्यक्रम का आगाज प्रतापगढ़ जनपद में कुंडा जिले का हिंदुत्व के पुरोधा पूज्य करपात्री जी महाराज की जन्मस्थली भटनी चूरी चौराहा लालगंज से प्रारंभ हुआ पूज्य करपात्री जी महाराज जी धर्म सनातन संस्कृति और हिंदुत्व को बचाए रखने के लिए हमारे संपूर्ण जीवन को मां भारती के चरणों में समर्पित करते हुए धर्म की जय हो अधर्म का नस हो ऐसे नारों के साथ राष्ट्र जागरण सनातन को जगाने का अद्वितीय कार्य प्रारंभ किया इस हिंदू सम्मेलन में संघ संपूर्ण हिंदू समाज को जोड़ने का संपूर्ण प्रयत्न करते हुए संपूर्ण जनमानस में भारत के प्रति राष्ट्र के प्रति अपने देश के प्रति सबको एक साथ रह कर संपूर्ण मानवता को साथ-साथ चलने के लिए विश्व बंधुत्व का संदेश देने का कार्य कर रहा है l ऐसे संघ शताब्दी वर्ष में हिंदू सम्मेलन के माध्यम से संपूर्ण हिंदू शक्ति एकत्र होकर मां भारती की जय जयकार के साथ संपूर्ण विश्व का जय हो यह करने का उद्घोष का कार्य प्रारंभ किया है। हिंदू धर्म, संस्कृति और जीवन दर्शन पर चर्चा करना एक विस्तृत और गहन विषय है। हिंदू धर्म में विविधता और समृद्धि है, जिसमें विभिन्न देवताओं, दर्शनशास्त्रों और परंपराओं का समावेश है। हिंदू संस्कृति में जीवन के विभिन्न पहलुओं को समाहित किया गया है, जैसे कि परिवार, समाज, शिक्षा और आध्यात्मिकता। हिंदू जीवन दर्शन में कर्म, धर्म, अर्थ और मोक्ष जैसे चार पुरुषार्थों पर जोर दिया जाता है, जो जीवन के उद्देश्यों को परिभाषित करते हैं। हिंदुओं पर हुए अत्याचार के विषय पर चर्चा करना भी महत्वपूर्ण है। इतिहास में हिंदुओं ने विभिन्न समयों पर अत्याचार और उत्पीड़न का सामना किया है, जैसे कि विदेशी आक्रमण, धर्मांतरण और सामाजिक भेदभाव। इन घटनाओं का हिंदू समुदाय पर गहरा प्रभाव पड़ा है।500वर्षों के संघर्षों के इतिहास में जब हम देखते है तो दिखता है कि समाज किसी की गुलामी कभी स्वीकार नहीं किया । जहां महाराणा प्रताप जी ,वीर शिवा जी , झांसी की रानी लक्ष्मीबाई जी , गुरुगोविंद सिंह जैसे वीर सपूतों ने मातृ भूमि के वेदी पर निज स्वार्थों को राष्ट्र के वेदी पर धर्म ,संस्कृति, समाज के रक्षार्थ तिलांजली दे दिया । हमारे आराध्य भगवान राम रहे हो या भगवान कृष्ण सब ने मानव कल्याण का मार्ग दिखाया।मानव कल्याण तभी संभव है जब धर्म मार्ग पर चलते हुए शस्त्र और शास्त्र दोनों को साथ रखेंगे।पूरी जीवन की यात्रा में भगवान राम ने शस्त्र नहीं छोड़ा । आज के समय में हम सभी को विचार करना चाहिए कि धर्म संस्कृति और समाज के हम क्या कर सकते है ।ज्यादा अतिरिक्त सोचने करने की आवश्यकता नहीं बल्कि जहां जिस स्थान पर रह रहे है वहीं समाज के इन पांच विषय समरता,कुटुंब प्रबोधन,पर्यावरण,स्व भाषा, स्व भूषा स्वदेशी जैसे विषयों को अपने जीवन में उतरना ,नागरिक कर्तव्य पर करने की आवश्यकता है ।सम्मेलन की अध्यक्षता लाल हरिकेश बहादुर सिंह,रमेश गिरी जी महंत सुजाखार,सुनीता जी , वीरेंद्र जी ,ओम प्रकाश गुड्डू,श्रीनाथ जी ,संचालन खंड कार्यवाह विमलेश जी ,हिमांशु जी ,शिवम् जी सह जिला कार्यवाह ,अजेय जी जिला कार्यवाह सहित 300 लोग उपस्थित रहे। रिपोर्ट विशाल रावत 151019049


