फास्ट न्यूज इंडिया यूपी गोसाईगंज/अयोध्या। श्रीमद् भागवत कथा व्यास पंडित राधेश जी महाराज ने मंगलवार की कथा में गौ सेवा के महत्व पर विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गौ माता मात्र एक पशु नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की आत्मा और सनातन धर्म का आधार स्तम्भ हैं। जो व्यक्ति सच्चे भाव से गौ सेवा करता है, वह ऐसा पुण्य अर्जित करता है जिसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता। पंडित राधेश जी ने बताया कि शास्त्रों में गौ माता को “धर्म का आधार” कहा गया है। उनके अनुसार, गौ सेवा करने वाले व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और मानसिक संतुलन स्वतः आते हैं। गौ माता की सेवा से न केवल मनुष्य का वर्तमान जीवन सुधरता है, बल्कि उसके कुल, उसकी संतान और उसके आने वाले समय तक में शुभ फल प्रदान होते हैं। उन्होंने कहा कि गौ का दूध, घी, Panchgavya और गौ-उत्पाद मनुष्य के तन और मन दोनों को पवित्र करते हैं। जहाँ गौ माता का वास होता है, वहाँ नकारात्मक ऊर्जा टिक नहीं सकती। इसी कारण प्राचीनकाल से राजाओं, ऋषियों और संतों ने गौ सेवा को सर्वोत्तम साधना माना है। पंडित राधेश जी ने यह भी कहा कि आज के समय में जब मनुष्य तनावग्रस्त और असंतुलित जीवन जी रहा है, तब गौ सेवा उसके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक शांति लाने का माध्यम बन सकती है। उन्होंने सभी भक्तों और समाज के लोगों से गौ संरक्षण और गौ सेवा की भावना के साथ आगे आने की अपील की। कथा स्थल पर उपस्थित श्रद्धालुओं ने गौ माता की महिमा सुनकर भाव-विभोर होकर तालियों से स्वागत किया। कई भक्तों ने वहीं पर संकल्प लिया कि वे नियमित रूप से गौशाला में सेवा करेंगे, चारा दान करेंगे और गौ संरक्षण के कार्य में सहयोग देंगे। पंडित राधेश जी महाराज का गौ सेवा पर विशेष संदेश“गौ सेवा ऐसा पुण्य है, जिसे कोई ग्रंथ पूरी तरह नहीं बता सकता।गौ माता के चरणों में जितना दान, श्रम और सेवा करते हैं, उसका फल कई जन्मों तक मिलता है।अपने घर-परिवार में सुख, शांति और बरकत चाहिए तो गौ सेवा को जीवन में अवश्य अपनाएं। रिपोर्ट विशाल रावत 151010949
