गार्डनो पर नहीं है पार्किंग की व्यवस्था तो लग रहा है सड़कों पर जाम
ग्वालियर भितरवार। भितरवार नगर के मैरिज गार्डनो के सामने बारात की आगवानी के साथ ही वाहनो के पहिये थम जाते हैं, एक के पीछे एक वाहनो की कतार लग जाती है। जब तक दुल्हा बारात के साथ मैरिज गार्डन के अंदर प्रवेश नहीं करता तब तक वाहन चालक भी इंतजार करते नजर आते हैं। एसी स्थिति एक ही नहीं बल्कि नगर के अधिकतर मैरिज गार्डनो की है। जानकारी के अनुसार शादियों के सीजन में नगर के मैरिज गार्डनों के कारण लोगों को परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है। नियमों को ताक में रखकर चल रहे इन मैरिज गार्डनों में पार्किंग की कोई व्यवस्था भी नहीं है। जिसके चलते मुख्य मार्गों पर बने इन मैरिज गार्डनों के बाहर यातायात व्यवस्था बिगड़ती दिख रही है। विवाह समारोह में शामिल होने वाले लोग रोड पर ही वाहन खड़े करने को मजबूर है। कई बार तो इन मैरिज गार्डनों के बाहर खड़े वाहनों की वजह से लगे जाम के कारण विवाद की स्थितियां निर्मित होती है।
एक दर्जन मैरिज गार्डन का संचालन
मैरिज गार्डन संचालन के लिए कई नियमों का पालन करना पड़ता है। नगर पालिका व आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में दर्जनों मैरिज गार्डन चल रहे है। देखा जाए तो इसमें से अधिकतर नियमों को धता बता रहे है। मुख्य सड़क मार्ग स्थित नगर में संचालित आधा दर्जन से अधिक मैरिज गार्डनों के बाहर तो पार्किंग व्यवस्था ही नहीं है। जिसमें घाटमपुर के पास भितरवार- डबरा रोड पर तो दूसरी ओर भितरवार - हरसी रोड स्थित मैरिज गार्डन है। तो अन्य मैरिज गार्डन रहवासी क्षेत्र में भी संचालित हो रहे। मैरिज गार्डन में देर रात तक गूंजने वाले शोर से क्षेत्रवासी भी परेशान है। पार्किंग के अभाव में जहां मुख्य मार्गों पर जाम की स्थिति बनती है। तो वहीं, रहवासी क्षेत्र में लोगों की आवाजाही मुश्किल हो जाती है।
कैसे मिल गई निर्माण की अनुमति
मैरिज गार्डन के लिए पहले तो व्यवसायिक भूखंड का डायवर्सन राजस्व विभाग से कराना होता है। इसके बाद नगर पालिका से भवन निर्माण की अनुमति लेना पड़ती है। नगर पालिका में नक्शा पेश करने के साथ ही सारे नियमों को भी पालन करना पड़ता है। नगर पालिका अधिकारी, इंजीनियरों द्वारा पूरा मौका मुआयना करने के बाद ही निर्माण अनुमति दी जाती है। अब सवाल ये उठता है कि जब मैरिज गार्डनों के पास पार्किंग व्यवस्था ही नहीं है तो उन्हें अनुमति कैसे दे दी गई।
जबकि ये है मैरिज गार्डनों के लिए नियम
प्रत्येक मैरिज गार्डन संचालक को नगर पालिका से अनुमति लेना अनिवार्य। मैरिज गार्डन के लिए फायर बिग्रेड की एनओसी के लिए भी शुल्क निर्धारित। डीजे के लिए भी समय निर्धारित, रात 10 से सुबह 8 बजे तक प्रतिबंधित। गार्डन में वॉटर हारर्वेस्टिंग सिस्टम लगवाना जरूरी। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आने-जाने के लिए दो गेट लगाना जरूरी। बिजली, पानी और आपात बिजली की व्यवस्था निश्चित मापदंड पर जरूरी। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की जवाबदारी भी मैरिज गार्डन संचालक की है। गार्डन में केंद्र व राज्य शासन के ध्वनि व वायु प्रदूषण नियम का पालन हो। मैरिज गार्डन तक सड़क की चौड़ाई कम से कम 40 फीट हो।कुल क्षेत्र का 25 फीसदी हिस्सा पार्किंग के लिए आरक्षित। पार्किंग के लिए गार्ड रखना होंगे। जो मुख्य सड़क का ट्रैफिक भी संभालेंगे। लेकिन भितरवार नगर में संचालित हो रहे मैरिज गार्डन में शासन द्वारा निर्धारित किए गए नियमों का कतई पालन नहीं हो रहा है।
घाटमपुर के पास गार्डनो के सामने कई घंटे लगा जाम
बीते रोज 22 नवंबर शनिवार का क्षेत्र में जोरदार वैवाहिक लग्न था, जिसके चलते दिनभर नगर के मुख्य बाजार में जाम की स्थिति निर्मित होती रही लेकिन शाम को जैसे ही गार्डन पर वैवाहिक कार्यक्रमों में शामिल होने वाले लोगों का आवागमन शुरू हुआ तो उनके वाहनों के कारण भारी जाम लगना शुरू हो गया। जहां संध्याकालीन समय में ही जाम की स्थिति काफी भयानक हो गई थी तो रात्रि में जब भितरवार- डबरा रोड स्थित घाटमपुर के गार्डनो के पास उसे समय और भी ज्यादा स्थिति खराब हो गई जब गार्डनो पर दूल्हे के साथ डीजे इत्यादि लेकर बारात चढ़ने के लिए पहुंची इस दौरान लोगों को कई घंटे तक जाम खुलने का इंतजार करना पड़ा। जाम लगने की जानकारी लगने के बाद पुलिस डायल 112 भी मौके पर पहुंची जिसे भी एक से डेढ़ घंटा जाम खुलवाने में लग गया। हालांकि इस दौरान जब दुल्हा द्वारा के टीके के बाद गार्डन में अंदर प्रवेश कर गया तब तक उसके साथ आए बाराती सड़क पर ही डीजे रखकर ऊंची आवाज में डांस करते रहे। इसी प्रकार की स्थिति भितरवार- हरसी रोड से लेकर मुख्य बाजार मैरिज गार्डन पर भी निर्मित रही जिसके कारण लोगों को काफी परेशानी का भी सामना करना पड़ा। रिपोट - जीतेन्द्र पाठक
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