मध्य प्रदेश। भोपाल में पुलिस की कार्यशैली एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। नारायण नगर स्थित बागसेवनिया क्षेत्र के चेतक शो-रूम के पास एक प्रधान आरक्षक द्वारा दो युवकों के साथ मारपीट करने का मामला सामने आया है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही पुलिस व्यवहार और ज़िम्मेदारी पर गंभीर प्रश्न खड़े हो गए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, दोनों युवक रीवा से रोजगार की तलाश में भोपाल आए थे। घटना उस समय हुई जब वे स्कूटर से उतरकर किसी काम से सड़क किनारे खड़े थे। आरोप है कि युवकों ने स्कूटर का स्टैंड नहीं लगाया था, जिस पर मौजूद प्रधान आरक्षक ने उन्हें पहले डांट लगाई। मामला यहीं खत्म नहीं हुआ—फटकार के बाद पुलिसकर्मी कथित रूप से गुस्से में आ गया और दोनों युवकों को सड़क पर ही पीटना शुरू कर दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पुलिसकर्मी की कार्रवाई अचानक और अति-आक्रामक थी, जिससे राहगीरों में भी डर और नाराजगी फैल गई। मारपीट का पूरा घटनाक्रम किसी राहगीर ने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया, जो कुछ ही घंटों में सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।
वीडियो सामने आने के बाद लोग सोशल प्लेटफॉर्म पर पुलिस की कथित बदसलूकी के खिलाफ अपनी नाराजगी जता रहे हैं। कई लोगों ने इसे ‘पुलिसिया दमन’ बताते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है। वहीं, पुलिस विभाग का आधिकारिक बयान फिलहाल सामने नहीं आया है, लेकिन उम्मीद है कि वीडियो के वायरल होने के बाद संबंधित विभाग इस मामले की जांच शुरू करेगा।
इस घटना ने एक बार फिर इस बात पर बहस छेड़ दी है कि क्या मामूली गलती पर इस तरह की मारपीट उचित है, और क्या पुलिसकर्मियों को संवेदनशीलता और अनुशासन पर विशेष प्रशिक्षण देने की ज़रूरत है। देखे राजेश शिवहरे की रिपोट 151168597
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