उमर को मात देकर देश व अपनी काशी का नाम किया रोशन
वाराणसी । भारत के लिए गर्व और प्रेरणा का क्षण 88 वर्ष की आयु में भी अदम्य जज्बे अनुशासन और आत्मविश्वास का परिचय देते हुए सीए श्रीनारायण खेमका ने 23वीं एशिया मास्टर एथलेटिक चैंपियनशिप जो की 5 तारीख से लेकर 9 तारीख तक चेन्नई में आयोजित किया गया था उसमें अवर्णनीय प्रदर्शन किया । इस आयोजन में 24 देश के 6000 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था । जिसमें इन्होंने 88 वर्ष की उम्र में 400 मीटर दौड़ में रजत पदक एवं 200 मी में कांस्य पदक जीतकर भारत और काशी का मान बढ़ाया । सीए श्रीनारायण खेमका जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर भारत विकास परिषद से जुड़कर बहुत से उत्कृष्ट समाज सेवा के कार्यों को अंजाम दिया है जिसमें शहर के मध्य नदेसर में विवेकानंद जी की मूर्ति व जेएचवी मॉल के सामने झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति स्थापित करने में मुख्य संयोजक की भूमिका निभाई है । उनकी यह ऐतिहासिक उपलब्धि यह साबित करती है की उम्र केवल एक संख्या है दृढ़ संकल्प हो और मन में जोश हो तब हर लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है । श्रीनारायण खेमका ने समाज को एक जबरदस्त संदेश दिया कि जीवन में ऊर्जा और प्रेरणा कभी कम नहीं होती बल्कि अनुभव के साथ और गहराई को प्राप्त करती है । प्रख्यात अंतराष्ट्रीय धावक श्रीमती नीलू मिश्रा के सहयोग और मार्गदर्शन से यह कार्य संभव हो सका है । खेल जगत समाज सेवी संस्थाओं और वरिष्ठ नागरिकों ने खेमका जी के इस उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए बधाई दिया है । उनकी सफलता न केवल भारत के लिए गौरव का विषय है बल्कि हर आयु वर्ग के लोगों के लिए अथक परिश्रम समर्पण और देशभक्ति की प्रेरणा भी देता है ।। रविन्द्र गुप्ता
