फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया यूपी प्रतापगढ़। श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करने से भक्ति पुष्ट होती है ज्ञान बैराग को दुरुस्त होती है और रामकथा हमें सत्मार्ग पर लाकर जीना सिखाती है। कथा के ज्ञान और भक्ति की जीत पुंज के प्रकाश से प्राणी मात्र को जीवंतता मिलती है ।यह ज्ञान शब्द पुंज बेन्दुआ का पुरवा में अजय कुमार त्रिपाठी के संयोजन में बह रही रस धार श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन श्री वृंदावन धामसे आए बालकृष्ण शास्त्री आशीष जी महाराज ने कही। चौकिया धाम से आए गुरु पंडित सीताराम नाम शरण दास जी के नेतृत्व में आज चौथे दिन व्यास आशीष जी ने भगवान पर अटूट विश्वास श्रद्धा रखने वाले भक्त प्रहलाद के चरित्र पर एवं भक्त एवं भगवान के स्नेहिल रिश्ते का जीवंत वर्णन किया । भगवान विष्णु ने देवताओं की सुरक्षा के लिए असुरों के राजा बली को भगवान बावन रूप में आकर छल द्वारा पराजित किया था एवं कथा के अन्त में भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव की बड़ी ही मनमोहक झांकी प्रस्तुति की । नन्द घर आनन्द भयो ,जय कन्हैया लाल की के जयकारों से भरा पंडाल गूंज उठा । भारी संख्या में आयी महिलाओं ने मन मुग्ध होकर नृत्य भी किया। कथा में शामिल कांग्रेस जिला अध्यक्ष नीरज त्रिपाठी, संतोष त्रिपाठी, संजय त्रिपाठी ,राहुल त्रिपाठी, अरुण शर्मा , मृत्युंजय त्रिपाठी, राधे कृष्णा ,गोविंद त्रिपाठी, संतोष, विश्वजीत , संकुल अरविंद अमित के साथ समस्त श्रद्धालु उपस्थित रहे। रिपोर्ट विशाल रावत 151019049
