लालगंज में नाराज वकीलों ने न्यायिक कामकाज का किया बहिष्कार
लालगंज तहसील गेट पर विरोध प्रदर्शन करते अधिवक्ता
फास्ट न्यूज इंडिया यूपी प्रतापगढ़। वरिष्ठ अधिवक्ता की हत्या को लेकर गुरूवार को भी यहां वकीलों का पारा चढ़ा दिखा। हत्यारोपियों पर गैंगेस्टर की कार्रवाई के साथ फरार आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर वकीलों का विरोध प्रदर्शन चरम पर दिखा। अधिवक्ताओं ने आम सभा मे प्रस्ताव पारित कर गुरूवार को भी न्यायिक कामकाज से अपने को विरत रखा। इसके चलते तहसील तथा दीवानी न्यायालय में न्यायिक कामकाज ठप दिखा। संयुक्त अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अनिल त्रिपाठी महेश तथा महामंत्री हरिश्चंद्र पाण्डेय की अगुवाई में अधिवक्ताओं का परिसर में जमावड़ा हुआ। कोर्ट बहिष्कार का ऐलान कर अधिवक्ता नेशनल हाइवे से लगे तहसील के मुख्य गेट पर नारेबाजी करने लगे। सांगीपुर थाना क्षेत्र के बवरिहा पहाड़पुर निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता रूद्र प्रताप पाण्डेय पर विपक्षियों द्वारा हुए जानलेवा हमले में तीन नवंबर की रात उनकी मौत हो गयी। पुलिस व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए वकीलों ने पकड़े गये हत्यारोपियों पर गैंगेस्टर की कार्रवाई न होने पर कड़ा असंतोष जताया। विरोध प्रदर्शन मे बोलते हुए आल इण्डिया रूरल बार एसोसिएसन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्ञानप्रकाश शुक्ल ने कहा कि अधिवक्ता की हत्या जैसे जघन्य अपराध में पुलिस की कार्रवाई कतई प्रभावी नही है। उन्होने जिले के एसपी से लालगंज सीओ तथा सांगीपुर एसओ को वापस बुलवाये जाने की मांग की। संघ के अध्यक्ष अनिल त्रिपाठी महेश ने कहा कि सभी आरोपियों पर गैंगेस्टर एक्ट की कार्रवाई के साथ सरकार मृतक अधिवक्ता के परिजनों को अविलम्ब मुआवजा प्रदान करे। संचालन उपाध्यक्ष आशीष तिवारी ने किया। आम सभा को पूर्व अध्यक्ष टीपी यादव, अजय शुक्ल गुडडू, रामलगन यादव, राजेश तिवारी, प्रवीण यादव, संतोष पाण्डेय ने संबोधित करते हुए सांगीपुर थानाध्यक्ष पर आरोपियों के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया। इस मौके पर शैलेन्द्र सिंह, प्रमोद सिंह, अनूप पाण्डेय, राम सिंह, विभाकर नाथ शुक्ला, बीडी पटेल, राकेश तिवारी गुडडू, बीके तिवारी, दिनेश सिंह, सुरेन्द्र रजक आदि अधिवक्ता मौजूद रहे। वहीं साथी की हत्या को लेकर दीवानी अदालत में संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अम्बुज पाण्डेय की अगुवाई में न्यायिक कामकाज के बहिष्कार का प्रस्ताव पारित हुआ। इस मौके पर वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश पाण्डेय, वीरेन्द्र सिंह, शहजाद अंसारी, आशुतोष सिंह, उमेश नारायण तिवारी, संजय ओझा आदि अधिवक्ता रहे। रिपोर्ट विशाल रावत 151019049
