राष्ट्रीय साहित्य सृजन सम्मान - 2025 से साहित्यकार श्रीनाथ मौर्य सरस नवाजे गए
बेल्हा वापसी पर प्रबुद्धजनों ने दोनों का किया स्वागत - सम्मान
फास्ट न्यूज इंडिया यूपी भीलवाड़ा राजस्थान में संगम विश्वविद्यालय और साहित्यांचल पत्रिका के संयुक्त तत्वावधान में बेल्हा के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. दयाराम मौर्य 'रत्न' को विश्वविद्यालय के केन्द्रीय सभागार में उनके विशाल साहित्यिक प्रदेय के लिए सुप्रसिद्ध साहित्यकार - दार्शनिक के नाम पर " श्री भगवती प्रसाद देवपुरा स्मृति राष्ट्रीय साहित्य शिखर सम्मान - 2025 " से अलंकृत किया गया। उन्हें रुपए पांच हजार सौ पुरस्कार स्वरूप दिए गए। बेल्हा के साहित्यकार श्रीनाथ मौर्य 'सरस' को " राष्ट्रीय साहित्य सृजन सम्मान - 2025 " से नवाजा गया। उन्हें रुपए ग्यारह सौ दिए गए। दोनों को संगम विश्वविद्यालय भीलवाड़ा के कुलपति प्रो. करुणेश सक्सेना, राजस्थान साहित्य अकादमी के सचिव बसंत सिंह सोलंकी, आयोजक साहित्यकार पत्रिका के संपादक सत्यनारायण व्यास ने बहुमूल्य स्मृति चिन्ह, सम्मान पत्र, ऊनी शाल, मोती की माला व अन्य उपहार भेंट कर सम्मानित किया। संगम विश्वविद्यालय के केन्द्रीय सभागार में आयोजित राष्ट्रीय साहित्यकार सम्मेलन- संगोष्ठी व सम्मान समारोह में देश के 9 प्रदेशों के नामचीन साहित्यकार उपस्थित थे। बेल्हा पहुंचने पर यहां के प्रबुद्धजनों ने दोनों साहित्यकारों को सृजनाकुटीर में जनपद का गौरव बढ़ाने हेतु बधाई दी और स्वागत सम्मान किया। सुप्रसिद्ध समाजसेवी रोशनलाल ऊमरवैश्य ने कहा कि डॉ. रत्न ने राष्ट्रीय स्तर पर सृजेता के रूप में ख्याति अर्जित कर प्रतापगढ़ का नाम रोशन किया है। स्वागत में कवयित्री डॉ. शाहिदा, आनन्द मोहन ओझा, राधेश्याम दीवाना, कुंजबिहारी लाल मौर्य काकाश्री, अमरनाथ गुप्ता 'बेजोड़', कल्पना तिवारी, कनक तिवारी, राजेश हर्षपुरी व विकास यादव मौजूद थे। रिपोर्ट विशाल रावत 151019049
