फास्ट न्यूज इंडिया यूपी प्रतापगढ़। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा0 प्रदीप कुमार ने बताया है कि ‘‘अतिरिक्त चारा विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत रबी मौसम हेतु 3.50 कुन्तल बरसीम 2.5 किग्रा0 (0.1 हेक्टेयर क्षेत्रफल हेतु) प्रति लाभार्थी को निःशुल्क उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित है, जिसके अन्तर्गत जनपद को कुल 14 हेक्टेयर के प्रस्तावित क्षेत्र पर 140 लाभार्थियों के लिये भौतिक लक्ष्य प्राप्त कराया गया है। उन्होने अतिरिक्त चारा विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत वर्ष 2025-26 हेतु लाभार्थियों के चयन के मापदण्ड के सम्बन्ध में बताया है कि लाभार्थी कम से कम 02 दुधारू पशु पालता हो तथा चारा उत्पादन हेतु इच्छुक हो। जनपदों के स्थाई/अस्थाई गोआश्रय स्थलों, जहां चारागाह की सिंचित भूमि जो गोआश्रय से टैग्ड हो को प्राथमिकता दी जाये। योजनान्तर्गत लघु/सीमान्त कृषकों/पशुपालकों को चयन में वरीयता दी जायेगी। न्यूनतम 0.1 हेक्टेयर एवं अधिकतम 0.5 हेक्टेयर भूमि पर चारा उत्पादन हेतु इच्छुक लाभार्थियों का चयन किया जायेगा। लाभार्थी के पास सिंचाई की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध हो जिससे चारा फसल की सिंचाई आसानी से की जा सके। लाभार्थी के पास चारा उत्पादन हेतु भूमि हो, जिसका सत्यापन खसरा/खतौनी से कर लिया जाये। इस योजना में गतवर्ष/पूर्व में लाभान्वित किये गये लाभार्थियो को पुनः लाभान्वित नहीं किया जायेगा। पात्र लाभार्थियों का चयन पशुपालन विभाग द्वारा गठित समिति द्वारा किया जायेगा। लाभार्थियों का चयन करते समय यह प्रयास किया जाये कि जिस प्लाट में चारा फसल बोई जानी है वह सड़क/चकरोड के आस-पास हो अर्थात् जहां पर वह सरलता से प्रदर्शित हो तथा अधिक से अधिक कृषक/पशुपालक अवलोकन कर चारा उत्पादन हेतु प्रोत्साहित हो सके। पीसीडीएफ के अन्तर्गत संचालित क्रियाशील दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों को वो सदस्य जो दुग्ध समिति को एक वर्ष से अधिक समय से दुग्ध आपूर्ति कर रहे हो को भी प्राथमिकता दी जायेगी। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अल्पसंख्यक समुदाय के व्यक्तियों एवं महिलाओं की उपलब्धता की दशा में भागीदारी सुनिश्चित की जाये। रिपोर्ट विशाल रावत 151019049
