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भंते सुगतानन्द का व्यक्तित्व सदैव प्रेरणा प्रदान करता रहेंगा- भदंत देवानंद
  • 151019049 - VISHAL RAWAT 0 0
    29 Oct 2025 19:53 PM



श्रद्धा व संकल्प के साथ मनाई गई भंते सुगतानंद जी की 42वीं पुण्यतिथि

धम्म के संचरण व संरक्षण में उनके अमूल्य योगदान को किया गया याद

दीपमालाओं से रोशन किया गया बुद्ध विहार

फास्ट न्यूज इंडिया यूपी प्रतापगढ़। जनपद प्रतापगढ़ के धम्म संस्थापक यश:शेष भंते सुगतानंद जी के 42 वीं पुण्य स्मृति दिवस पर उनकी तपोस्थली सुगतानंद बुद्ध विहार रंजीतपुर चिलबिला में उनकी पावन समाधि स्थल पर बने स्तूपा पर पावन भिक्षु संघ और उपासकों/उपासिकाओ द्वारा सुगतानन्द के कृतित्व व व्यक्तित्व को याद करते हुए उनके प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। कार्यक्रम का बुद्धारम्भ मुख्य अतिथि लखनऊ से पधारे अंतरराष्ट्रीय शोध संस्थान के सदस्य भदंत देवानंदवर्धन के नेतृत्व में भंते धम्मदीप,भंते अश्वजीत, भंते संघमित्र व भंते शांति मित्र पावन संघ समूह ने बुद्ध वंदना, त्रिशरण एवं पंचशील,आनापान ध्यान साधना, बोधिपूजा के पश्चात मुख्य अतिथि के रूप में पधारे अंतरराष्ट्रीय शोध संस्थान के सदस्य भदंत देवानंदवर्धन नें भिक्खु संघ व उपासको को धम्म के मार्ग पर चलने की धम्म देशना में उपासको को धम्म के मार्ग पर चलनें व सुगतानन्द के कृतित्व व्यक्तित्व पर चर्चा करते हुए उनके जीवन के किए गए कार्यों से प्रेरणा लेने की बात कही। इसके पूर्व पूज्य भंते सुगतानन्द जी के चित्र पर दीप प्रज्वलित कर बुद्ध विहार को दीपमालाओं से रोशन किया गया। अध्यक्षता कर रहे श्री राम उमरवैश्य ने कहा कि भंते सुगतानन्द बुद्ध विहार के संस्थापक थे। उनका विचार था कि अहिंसा, शांति का विश्व में खूब प्रसार होना चाहिए इसी से विश्व शांति व मानव कल्याण होगा । विशिष्ट अतिथि एस. पी. सिंह लोहिया ने कहा कि भंते सुगतानंद जी का जनपद सहित प्रयागराज, कौशांबी व सुल्तानपुर धम्म के संचरण व संरक्षण में अमूल्य योगदान रहा। पंथ, संप्रदाय की दूरियों को मिटाकर ही विश्व शान्ति की कल्पना की जा सकती है। भेदभाव भुलाकर सभी को गले लगाना मानवता की रक्षा के लिए अपरिहार्य है। संचालन कर रहे राकेश कनौजिया ने कहा कि धम्म सेवा और परोपकार का माध्यम है, धम्म सबको जोड़ता है। अतः प्रेम सद्भाव का व्यवहार आवश्यक है। भोजन दान उपासक राम मूरत बौद्ध व एस. पी. सिंह लोहिया के नेतृत्व में किया गया। आभार व्यक्त करते हुए भंते शांतिमित्र ने कहा कि युद्ध का विकल्प बुद्ध हैं। सम्पूर्ण विश्व बुद्ध मार्ग पर चलकर ही वसुधैव कुटुंबकम् हो सकता है। इस अवसर पर दुर्गेश कुमार, एडो.विकास गौतम,डा0 विजय सरोज, रंजू संजय, शुभम यादव, बृजेश सरोज, एडो.राकेश बौद्ध, सत्यम नागर, अनीता, राम अभिलाष बौद्ध, गीता, ज्ञानवती, शालिनी, काजल,राम समुझ बौद्ध, राजेंद्र कुमार, बरसाती राम, बसंत लाल, राम प्यारी, पन्नालाल, हरिकेश बौद्ध,रणजीत कुमार शर्मा सहित सुल्तानपुर, प्रयागराज, अमेठी के उपासक व अनुयायी उपस्थित थे। रिपोर्ट विशाल रावत 151019049



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