राज्य के कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, इसमें 67 आइएएस और पश्चिम बंगाल लोक सेवा (डब्ल्यूबीसीएस) के 145 (कार्यकारी) अधिकारियों का तबादला किया गया है। यह हालिया समय में एक बार में हुए सबसे बड़े तबादलों में से एक है। इस फेरबदल में 10 जिलाधिकारी (डीएम), विशेष सचिव स्तर के कई अधिकारी, कई विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) तथा आइएएस और डब्ल्यूबीसीएस, दोनों संवर्गों के कई एडीएम (अतिरिक्त जिलाधिकारी) और एसडीओ (अनुमंडल पदाधिकारी) शामिल हैं।
भाजपा ने उठाए सवाल
इधर, एक साथ इतने अधिकारियों के तबादले पर राज्य में मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि यह कदम ममता बनर्जी प्रशासन द्वारा आगामी एसआईआर प्रक्रिया को विफल करने का एक प्रयास है। प्रदेश भाजपा ने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत करते हुए इन तबादलों पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है। वहीं, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने इन तबादलों को नियमित बताया है।
हाउसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एचआइडीसीओ) के प्रबंध निदेशक (एमडी), कोलकाता नगर निगम के आयुक्त और हल्दिया विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) भी तबादलों की सूची में शामिल हैं।
स्थानांतरित जिलाधिकारियों की सूची में उत्तर और दक्षिण 24 परगना, कूचबिहार, मुर्शिदाबाद, पुरुलिया, दार्जिलिंग, मालदा, बीरभूम, झाडग़्राम और पूर्व मेदिनीपुर जिले शामिल हैं। एक अधिकारी ने बताया कि इन कर्मियों से आगामी एसआइआर कवायद में नोडल भूमिका निभाने की उम्मीद थी तथा निर्वाचन आयोग द्वारा कार्यक्रमों की घोषणा के बाद राज्य सरकार के लिए आगे फेरबदल करना असंभव हो जाता।
तृणमूल भाजपा में राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप
भाजपा नेता सजल घोष ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी को लग रहा है कि एसआईआर प्रक्रिया के सफलतापूर्वक पूरा होने और मतदाता सूची से बड़ी संख्या में फर्जी मतदाताओं के नाम हटाए जाने के बाद उनकी पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। इसलिए, वह आखिरी समय में इतनी बड़ी संख्या में फेरबदल कर इस प्रक्रिया को बाधित करने की हरसंभव कोशिश कर रही हैं।
इस आरोप को खारिज करते हुए तृणमूल कांग्रेस आइटी प्रकोष्ठ प्रमुख देबांग्शु भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा बेबुनियाद आरोप लगाने के लिए हथकंडे अपना रही है। उन्होंने कहा कि प्रशासन में इस तरह के तबादले साल भर नियमित तौर पर होते रहते हैं। कोई कारण नहीं है कि इसके और एसआइआर की घोषणा के बीच कोई संबंध जोड़ा जाए। यह केवल विरोध के लिए विरोध है।
इन जिलाधिकारियों का हुआ तबादला
राज्य सचिवालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, उत्तर 24 परगना के डीएम शरद कुमार द्विवेदी को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में सचिव पद पर भेजा गया है। दक्षिण 24 परगना के डीएम सुमित गुप्ता को कोलकाता नगर निगम के आयुक्त पद पर नियुक्त किया गया है, जो धवल जैन का स्थान लेंगे। कोलकाता नगर निगम के आयुक्त धवल जैन को बीरभूम का डीएम बनाया गया है। हिडको के एमडी शशांक सेठी को उत्तर 24 परगना का डीएम नियुक्त किया गया है। कूचबिहार के डीएम अरविंद कुमार मीणा को दक्षिण 24 परगना का डीएम बनाया गया है।
मुर्शिदाबाद के डीएम राजर्षि मित्रा को हिडको का एमडी बनाया गया है। पुरुलिया के डीएम रजत नंदा को पर्यटन विभाग का निदेशक बनाया गया है। दार्जिलिंग की डीएम प्रीति गोयल मालदा की डीएम नियुक्त की गई हैं। मालदा के डीएम नितिन सिंघानिया को मुर्शिदाबाद का डीएम बनाया गया है।
यूनिस ऋषिन इस्माइल को पूर्व मेदिनीपुर का डीएम जबकि बशीरहाट की एडीएम आकांक्षा भास्कर को झाडग़्राम का डीएम नियुक्त किया गया है। झाडग़्राम के डीएम सुनील अग्रवाल को उत्तर बंगाल विकास विभाग में विशेष सचिव बनाया गया है। बीरभूम के डीएम विधान चंद्र राय को खाद्य एवं आपूर्ति विभाग का विशेष सचिव बनाया गया है। पूर्व मेदिनीपुर के डीएम पूर्णेंदु माजी को नगरपालिका एवं शहरी विकास विभाग का विशेष सचिव बनाया गया है। उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के विशेष सचिव राजू मिश्रा को कूचबिहार का डीएम नियुक्त किया गया है।
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