सड़क परिवहन मंत्रालय के आदेश के अनुसार, सभी टोल प्लाजा पर 31 अक्टूबर तक बारकोड सिस्टम को अपडेट किया जाना चाहिए। यह फास्टैग की तरह हर लेन में उपलब्ध रहेगा। फास्टैग के उपयोग के बाद डाफी टोल प्लाजा पर केवल सात प्रतिशत कैश कलेक्शन होता है, जबकि बाकी भुगतान डिजिटल माध्यम से किया जाता है।
वाहन चालकों के लिए फास्टैग सबसे बेहतर विकल्प है। इससे न केवल अतिरिक्त शुल्क नहीं कटता, बल्कि टोल प्लाजा पर रुकने की आवश्यकता भी नहीं होती। बारकोड स्कैनर से यूपीआई पेमेंट करने पर वाहन चालकों को सवा गुना अधिक भुगतान करना होगा, जिससे वाहन रुकने पर ईंधन की बर्बादी भी होगी।
इस नए नियम के तहत, सरकार ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने का प्रयास किया है, जिससे टोल प्लाजा पर भीड़भाड़ कम हो सके और यातायात सुगम हो। फास्टैग के माध्यम से टोल भुगतान करने वाले वाहन चालकों को न केवल समय की बचत होगी, बल्कि यह एक सुविधाजनक और आर्थिक विकल्प भी है।
हालांकि अधिकारियों ने वाहन चालकों को सलाह दी है कि वे फास्टैग का ही उपयोग करें, ताकि वे टोल भुगतान की प्रक्रिया को सरल और त्वरित बना सकें।
