फास्ट न्यूज इंडिया यूपी प्रतापगढ़। जिला कृषि अधिकारी अशोक कुमार ने बताया है कि कृषि में उपज बढ़ाने के लिए रासायनिक उर्वरकों का सही एवं गुणवत्तापूर्ण उपयोग अत्यंत आवश्यक है। कई बाजारों में मिलावटी एवं नकली उर्वरक बिकने की शिकायतें मिलती हैं, जिससे किसान भाइयों की मेहनत और पूंजी दोनों का नुकसान होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए डीएपी (डाई-अमोनियम फॉस्फेट), एमओपी (म्यूरेट ऑफ पोटाश) और जिंक खाद की शुद्धता की पहचान के कुछ सरल वैज्ञानिक घरेलू उपायों से किसान भाई जानकारी प्राप्त कर सकते है।
उन्होने डीएपी की पहचान के सम्बन्ध में बताया है कि असली डीएपी का रंग काला, सफेद या हल्का भूरा होता है। यदि रंग गहरा भूरा, बहुत गंदा दिखे तो यह नकली हो सकता है, डीएपी के दाने समान आकार के और चमकदार होते हैं। एक साफ गिलास में पानी लें और उसमें एक मुट्ठी डीएपी डालें, असली डीएपी लगभग 90 प्रतिशत तक पानी में घुल जाएगा और नीचे बहुत कम मात्रा में गंदगी जमा होगी। अगर बहुत सारा अघुलनशील पदार्थ (कचरा, मिट्टी, रेत आदि) नीचे बैठ जाए, तो यह नकली या मिलावटी खाद है। डीएपी में तेज अमोनिया जैसी गंध होती है। इसे हथेली पर रखकर चूने (बुझा हुआ चूना) के साथ रगड़ने पर अमोनिया की तीक्ष्ण गंध आती है। असली डीएपी के दाने आसानी से टूटते नहीं हैं और दानेदार महसूस होते हैं। एमओपी की पहचान के सम्बन्ध में बताया है कि असली एमओपी का रंग लाल या गुलाबी होता है। भारत में ज्यादातर लाल रंग का एमओपी उपलब्ध है। यह हल्का गुलाबी लाल या ईंट जैसे लाल रंग का होता है। रंग एक समान होना चाहिए। इसके दाने भी समान आकार के और क्रिस्टल जैसे दिखने चाहिए। घरेलू परीक्षण हेतु डीएपी की तरह, एक गिलास पानी में एमओपी डालें। असली एमओपी लगभग पूरी तरह से पानी में घुल जाएगा। अगर पानी में रंग घुल जाए या नीचे बहुत सारी गंदगी जमा हो जाए, तो यह शुद्ध नहीं है। अगर आप इसे लोहे की वस्तु (कुदाल आदि) पर रखें तो कोई प्रतिक्रिया नहीं होती (क्योंकि यह स्थिर लवण है)। बहुत बारीक पाउडर वाली या फीकी दिखने वाली खाद मिलावटी हो सकती है।
उन्होने जिंक सल्फेट खाद की पहचान के सम्बन्ध में बताया है कि शुद्ध जिंक सल्फेट का रंग सफेद या हल्का सफेद होता है। यह आमतौर पर महीन दानों या पाउडर के रूप में होता है। इसके क्रिस्टल साफ और चमकदार होते हैं। घरेलू परीक्षण हेतु जिंक सल्फेट को पानी में डालें। शुद्ध जिंक सल्फेट पानी में पूरी तरह से साफ घोल बनाता है और हल्का ठंडापन महसूस होता है। थोड़ी मात्रा पानी में डालें, अगर पानी हल्का पारदर्शी नीला या धुंधला हो जाए तो असली है। अगर घुलने पर नीली या सफेद परत ऊपर दिखे तो मिलावट हो सकती है। घुलने के बाद पानी में तलछट बचे तो यह नकली या अधूरा जिंक सल्फेट है। कभी भी खाद का स्वाद न चखें, केवल पहचान हेतु गंध या भौतिक लक्षण देखें। भरोसेमंद कंपनी और कृषि विभाग द्वारा पंजीकृत विक्रेता से ही खाद खरीदें। उन्होने किसान भाईयो से अपील करते हुये कहा है कि वे केवल लाइसेंसधारी और अधिकृत खाद विक्रेताओं से ही खाद खरीदें। संदिग्ध या नकली खाद बेचने वाले किसी भी विक्रेता की सूचना तुरंत नजदीकी कृषि कर्मचारी या जिला कृषि अधिकारी कार्यालय, प्रतापगढ़ को दें, खाद खरीदते समय बिल अवश्य लें, यह आपके लिए कानूनी दावा साबित करने का प्रमाण है। रिपोर्ट विशाल रावत डिस्ट्रिक ब्यूरो चीफ प्रतापगढ़
