बिना हेलमेट... जुर्माना 1000/-
नो पार्किंग में पार्किंग करना... जुर्माना 3000/-
मोटरसाइकिल का बीमा नही ... जुर्माना 1000/-
शराब पी कर वाहन चलाना... जुर्माना 10000/-
नो एंट्री में वाहन चलाना... जुर्माना 5000/-
मोबाईल फोन पे बात करना... जुर्माना 2000/-
प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं... जुर्माना 1100/-
ट्रिपल सीट ड्राइविंग... जुर्माना 2000/-
खराब सिग्नल... कोई जिम्मेदार नहीं है!
पार्किंग की व्यवस्था नहीं... कोई जिम्मेदारी नहीं है!
सड़क पर गड्ढ़े... कोई जिम्मेदार नहीं है!
अतिक्रमित फुटपाथ... कोई जिम्मेदार नहीं है!
सड़क पर रोशनी नहीं... कोई जिम्मेदार नहीं है!
सड़क पर कचरा बह रहा है...कोई जिम्मेदार नहीं है!
सड़कों पर लाइट के खंभे नहीं... कोई जिम्मेदार नहीं है!
सड़क के मेनहोल में गिर के मर जाये...कोई ज़िम्मेदार नहीं!
महीनों से खुदी सड़क ... कोई जिम्मेदार नहीं है!
गड्ढों में गिर कर आप गिरो चोटिल हो जाएँ... कोई जिम्मेदार नही है!
आवारा गायें जानवर टकरा जाए कुत्ता काट ले... कोई जिम्मेदार नहीं!
ऐसा लगता है कि जनता ही एकमात्र अपराधी है और जुर्माना देने के लिए उत्तरदायी है। प्रशासन, निगम और सरकार कोई जिम्मेदार नहीं है। उनके लिए कोई नियम लागू नहीं होते हैं। वे किसी भी चूक के लिए कभी ज़िम्मेदार नहीं हैं।
जो ब्रेक मारना ही भुल गये- स्पीड मे गाडी शहर मे भी चलाते उनपर कारवाई नही?
स्पीड ब्रेकर नही- रोड पर डीवायडर नही- ऊस बारे मे सोच नही?
क्या उन्हें दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए ????
नागरिक केवल काम करेंगे... दर्द का सामना करेंगे... टैक्स चुकाना होगा... जुर्माने का भुगतान करेगा... सरकार की जेब भरें...
हैप्पी दीपावली सुरक्षित रहें
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