फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया यूपी गाजीपुर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत सूक्ष्म वित्त एवं वित्तीय समावेशन विषयक बैंकों के शाखा प्रबंधकों के साथ एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन आज दिन गुरुवार को विकास भवन सभागार में संपन्न हुआ । इस कार्यशाला का शुभारम्भ मुख्य अतिथि मुख्य विकास अधिकारी संतोष कुमार वैश्य द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया । सर्वप्रथम कार्यशाला के उद्देश्य के विषय में संबोधित करते हुए , उपायुक्त स्वतः रोजगार विजय कुमार यादव द्वारा अवगत कराया गया कि आज इस कार्यशाला का उद्देश्य न केवल बैंकर्स और मिशन टीम के बीच समन्वय को सुदृढ़ करना है , बल्कि ग्रामीण आजीविका मिशन के लक्ष्यों को गति प्रदान करना भी है । जैसा कि आप जानते हैं, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (छत्स्ड) का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण परिवारों, विशेषकर गरीब महिलाओं को संगठित कर आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है । स्वयं सहायता समूहों ¼NRLM½ के माध्यम से महिलाएं अब बचत, ऋण, उत्पादन, विपणन और सेवा-क्षेत्र की विविध गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। इन समूहों की प्रगति में बैंकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। वित्तीय समावेशन की दिशा में बैंकिंग सहायता वह आधार है, जिस पर इन समूहों की आजीविका संरचना खड़ी है। बैंक केवल ऋण देने वाली संस्था नहीं, बल्कि ग्रामीण परिवर्तन का भागीदार है। प्रत्येक समूह को उचित समय पर ऋण उपलब्ध कराना , डिजिटल बैंकिंग की जानकारी देना, वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देनाकृये सभी कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करते हैं । इस कार्यशाला में मुख्य विकास अधिकारी द्वारा अपने संबोधन में कहा कि मिशन के अंतर्गत आज प्रदेश के प्रत्येक जनपद में हजारों समूह सक्रिय हैं। ये समूह न केवल आत्मनिर्भरता की मिसाल बन रहे हैं , बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन, महिला सशक्तिकरण, और सामाजिक परिवर्तन के प्रतीक बन चुके हैं। अतः मैं सभी बैंकर्स से अपेक्षा करता हूँ कि वेSHGs के साथ संवेदनशीलता और सहयोग की भावना से कार्य करें। ऋण स्वीकृति की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाएँ, ताकि कोई पात्र समूह वित्तीय सहायता से वंचित न रह जाए। साथ ही, मैं मिशन टीम से भी अपेक्षा करता हूँ कि वे बैंकों के साथ नियमित संवाद बनाए रखें, ऋण पुनर्भुगतान की स्थिति पर सतत निगरानी करें और समूहों की वित्तीय अनुशासन में मदद करें। यदि बैंक और मिशन एक-दूसरे के पूरक बनकर कार्य करें , तो हम प्रदेश में गरीबी उन्मूलन और समृद्धि के लक्ष्य को शीघ्र प्राप्त कर सकते हैं । विगत वर्ष 2024-25 में सभी के सहयोग से कुल 2270 के लक्ष्य के सापेक्ष कुल 2713 स्वयं सहायता समूहों का सी. सी. एल. कराया गया साथ ही वर्तमान वित्तीय वर्ष में भी 2900 के लक्ष्य के सापेक्ष 2764 स्वयं सहायता समूहों का सी. सी. एल. कराया जा चुका है। ये मिशन टीम व सभी बैंकर्स के माध्यम से ही सफल हुआ है , इस आशा है कि इस कार्यशाला के माध्यम से नए विचार और पहलें सामने आएँगी, जो हमारे सामूहिक प्रयासों को नई दिशा देंगी । आइए, हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि हर ग्रामीण परिवार को आर्थिक सशक्तिकरण की मुख्यधारा से जोड़ना हमारा साझा उद्देश्य होगा । इस कार्यशाला में क्षेत्र प्रमुख, यूनियन बैंक आफ इंडिया संजय कुमार सिन्हा द्वारा अपने संबोधन में कहा कि हमारा लक्ष्य केवल ऋण वितरण नहीं, बल्कि स्थायी आजीविका का निर्माण है। जब कोई ग्रामीण महिला अपने समूह के माध्यम से आत्मनिर्भर बनती है, तो वह न केवल अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारती है, बल्कि पूरे समाज में आत्मविश्वास और प्रगति का संदेश देती है। अंत में, मैं सभी बैंक अधिकारियों का आभार व्यक्त करता हूँ, जिन्होंने इस मिशन में निरंतर सहयोग दिया है । तथा कार्यशाला में राष्ट्रीय रिसोर्स पर्सन द्वय दिलीप मित्रा व अजित कुमार, क्षेत्र प्रमुख, यूनियन बैंक आफ इंडिया- पूर्वी मुकेश रमन, क्षेत्रीय प्रबन्धक, यू पी ग्रामीण बैंक श्री अनिरुद्ध सिंह, अग्रणी जिला प्रबन्धक राजदेव कुमार, उप क्षेत्र प्रमुख पियूष सिंह परमार, उप क्षेत्रीय प्रबन्धक अतुल शर्मा, जिला मिशन प्रबन्धक, ब्लाक मिशन प्रबन्धक, विभिन्न बैंक शाखाओं के शाखा प्रबन्धक एवं बैंक सखी उपस्थित रहे प् कार्यशाला में मुख्य अतिथि द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शाखा प्रबन्धक, ब्लाक मिशन प्रबन्धक एवं बैंक सखियों को प्रसंशा पत्र देकर सम्मानित किया गया । सुजीत कुमार सिंह 151164525

