EPaper LogIn
एक बार क्लिक कर पोर्टल को Subscribe करें खबर पढ़े या अपलोड करें हर खबर पर इनकम पाये।

त्योहार में कहीं आप नकली सोना-खोवा न खरीद लें, बचने के लिए जरूर अपनाएं ये पांच तरीके
  • 151000002 - RASHMI TRIPATHI 0 0
    16 Oct 2025 17:03 PM



वाराणसी।त्योहारों में रौनक तो है, लेकिन इसी रौनक में छिपा है मिलावट और ठगी का बड़ा खेल। कहीं मिठाई में सिंथेटिक दूध मिलाया जा रहा है, तो कहीं बनारसी साड़ी के नाम पर बेची जा रही हैं। ऑनलाइन शॉपिंग में भी ठग सक्रिय हैं, जो फर्जी वेबसाइट बनाकर ग्राहकों को झांसे में ले रहे हैं। सिर्फ यही नहीं सोने-चांदी के नाम पर जाल बिछाया गया है। इसलिए त्योहार की मिठास में सावधानी सबसे जरूरी है। विशेषज्ञों का कहना है कि खरीदारी में थोड़ी-सी सतर्कता आपकी सेहत और जेब दोनों को बचा सकती है।खोवा-पनीर: आयोडीन टिंचर कराएगा पहचान
खाद्य विभाग के इंस्पेक्टर सम्राट श्रीवास्तव बताते हैं कि खोवा-पनीर की पहचान के लिए घरेलू उपायों में न उलझे। सीधी सरल चीज है कि बाजार से आयोडीन टिंचर खरीद लें। उसकी कुछ बूंद पनीर के एक टुकड़े या खोवे और छेने के कुछ हिस्से पर डालें। यदि नकली है तो बूंद पड़ने वाली जगह काली हो जाएगी। असली है तो सामान्य रहेगी। इसी तरह थोड़ा सा दूध फर्श पर ढकेले यदि उसमें पानी की मिलावट नहीं की गई तो गाढ़ापन रहेगा और फैलेगा नहीं, यदि पानी की मिलावट तो बहने जैसी स्थिति में फैल जाएगा।

साड़ी: नकली है या असली कैसे पहचानें

बुनकरी के एक्सपर्ट अमरेश कुशवाहा कहते हैं कि असली और नकली साड़ियों की पहचान के लिए आप धागा जलाकर देखें, कपड़े को छूकर महसूस करें और उसकी बनावट व चमक पर ध्यान दें। असली रेशम की गंध जलते हुए बालों जैसी होती है और यह छूने में मुलायम और गर्म लगता है, जबकि नकली रेशम प्लास्टिक की तरह जलता है, कठोर होता है और छूने में चिकना या चिपचिपा लग सकता है। नकली साड़ी का धागा प्लास्टिक की तरह सिकुड़ जाएगा जबकि असली का धागा जलकर राख हो जाएगा। असली बनारसी साड़ियां रेशम की होती हैं।
 

जरूर देखें एचयूआईडी (HUID)

उत्तर प्रदेश स्वर्णकार संघ के प्रदेश अध्यक्ष सत्यनारायण सेठ ने बताया कि सोने-चांदी के असली और नकली सोना-चांदी गहने देखने में एक जैसे होते हैं। चांदी के नकली गहने असली की अपेक्षा हल्के होते हैं। रेती लगाने पर उसकी चमक फीकी पड़ जाती है। जबकि असली चांदी की चमक जस की तस रहती है। सोने के गहने खरीदते समय हमेशा एचयूआईडी (HUID) हालमार्क देखकर ही खरीदें। सभी सामान के लिए हमेशा जीएसटी पक्की बिल लें, ठगे नहीं जाएंगे।

सजावट: स्वदेशी झालर यानी फिनिशिंग अच्छी नहीं

झालर विक्रेता आकाश गुप्ता ने बताया कि स्वदेशी लाइट महंगी होती है, इसके बल्ब बड़े-बड़े होते हैं। चाइनीज की अपेक्षा फिनिशिंग धोड़ी कम होती है। जबकि चाइनीज झालर स्वदेशी की अपेक्षा सस्ती होती है। इसमें फिनिशिंग अच्छी होती है।

इंटरनेट: यह देखें कि वेबसाइट https से शुरू हो रही कि नहीं

डीसीपी क्राइम सरवणन टी. ने बताया कि त्योहारी सीजन में ऑनलाइन ठगी भी बढ़ जाती है। लोग अधिकतर सामान ऑनलाइन खरीदते हैं और उसी में ठग भी उन्हें शिकार बना लेते हैं। उन्होंने बताया कि वेबसाइट खोलने से पहले सुनिश्चित करें कि यह "https" से शुरू हो रही है कि नहीं। यदि शुरूआत https से हो रही है तो ठीक है। पासवर्ड मजबूत और यूनिक बनाएं और नियमित रूप से बदलें। सभी ऑनलाइन खातों के लिए एक अलग पासवर्ड का उपयोग करें। स्पैम और फिशिंग ईमेल को तुरंत डिलीट करें। किसी अनजान कॉलर को ओटीपी या पिन न बताएं।

सावधान! दिवाली में सेहत न खराब कर दे मिलावटी मिठाई, ऐसे करें असली नकली की  पहचान diwali tips know how to identify adulterated sweets mithaiyon mein  milawat ki kyse kare pehchan, खाना -



Subscriber

188051

No. of Visitors

FastMail