परियोजना की कुल लागत 815.58 करोड़ रुपये है, जिसमें 15 वर्षों का ऑपरेशन और मेंटेनेंस भी शामिल है।इंजीनियरों के अनुसार, लोड टेस्टिंग के ज़रिये सुरक्षा की गहन जांच की जाती है। इस प्रक्रिया में यदि निर्माण कार्य में कोई कमी पाई जाती है, तो उसे तत्काल ठीक किया जाता है। यह टेस्टिंग एक बार नहीं बल्कि कम से कम चार बार दोहराई जाती है, ताकि परियोजना को जनता के लिए पूरी तरह सुरक्षित रूप में शुरू किया जा सके। इससे भविष्य में किसी प्रकार की तकनीकी दिक्कतें नहीं आतीं।