बीएचयू के कृषि विज्ञान संस्थान स्थित शताब्दी प्रेक्षागृह में ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ चलाया गया। बुधवार को मद्यनिषेध विभाग, छात्र अधिष्ठाता और छात्र कल्याण केंद्र की ओर से राज्य स्तरीय संगोष्ठी में बताया गया कि शिक्षा के स्थल ही नशा मुक्ति समाज में बदलाव के माध्यम बनेंगे। इस दौरान नशीले पदार्थों के सेवन से होने वाले दुष्परिणामों के प्रति जन-जागरूकता के लिए मद्य निषेध प्रदर्शनी लगाई गई। कुलपति प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी ने युवाओं की सक्रिय भागीदारी को नशा मुक्ति जनजागरूकता का प्रमुख माध्यम बताया। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थान समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। आबकारी एवं मद्यनिषेध विभाग के मंत्री नितिन अग्रवाल ने कहा कि विकसित भारत@2047 के विजन को साकार करने में “नशा मुक्त भारत अभियान” को एक महत्वपूर्ण कड़ी है। युवाओं में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त की। कहा कि “नशा मुक्त भारत” केवल एक अभियान नहीं, बल्कि समाज के पुनर्निर्माण की दिशा में एक सामूहिक प्रयास है। उन्होंने जनमानस से नशे के विरुद्ध इस मुहिम को जन-आंदोलन का रूप देने की अपील की। कार्यक्रम के अंत में मद्यनिषेध विभाग द्वारा आयोजित अलग अलग प्रतियोगिताओं के विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
