वाराणसी। सूर्य उपासना के महापर्व डाला छठ पर व्रतियों के लिए गंगा घाटों पर मुसीबत का मलबा है। इस बार कहां वेदी बनेगी और कैसे अर्घ्य देंगे। मिट्टी के ढेर लगे हैं और गंदगी चारों तरफ फैली है। राजघाट से विश्वसुंदरी पुल के घाटों पर गाद जमी है। गंगा के जलस्तर ने इस बार नगर निगम की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। डाला छठ के लिए साफ-सफाई का खास महत्व है। शहर के लगभग सभी घाटों पर ऊपर तक मिट्टी जमी है। गंगा घाटों का हाल यह कि पूजा तो दूर टहलना भी मुश्किल है। ये हाल तब है जब घाटों की सफाई के निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दे चुके हैं। 25 अक्तूबर से नहाय खाय के साथ छठ पर्व शुरू हो जाएगा। घाटों का हाल तो बहुत ही खराब है। बाढ़ के बाद गंगा का पानी धीमी गति से नीचे उतर रहा है।
2023 की अपेक्षा 2.67 मीटर और 2024 की अपेक्षा इस बार 53 सेमी ऊपर बह रही गंगा
केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों पर गौर करें तो बीते साल 2024 की अपेक्षा इस साल 2025 में 13 अक्तूबर को गंगा का जलस्तर 53 सेंटीमीटर ऊपर है, जबकि 2023 में इसी तारीख को गंगा का जलस्तर काफी नीचे था। उस समय आज के हिसाब से 2.67 मीटर गंगा का जलस्तर नीचे रहा।
भोजपुरी समाज ने प्रशासन से की सफाई की मांग
भोजपुरी समाज के अध्यक्ष सोमनाथ ओझा के अनुसार गंगा में पानी काफी ज्यादा है। सफाई की मांग प्रशासन से की गई है। नगर निगम के अलावा समाज के लोग छठ पूजा मार्ग की सफाई करेंगे। गंगा में तीन सीढि़यों तक पूजा करेंगे। जहां दलदली और कीचड़ वाली मिट्टी होगी वहां पूजा नहीं की जाएगी। गंगा के अलावा कुंडों में भी कुछ लोग पूजा करते हैं।