अस्पताल सुबह आठ बजे खुलते ही रजिस्ट्रेशन काउंटर पर लंबी कतारें लग गईं, लेकिन बार-बार सर्वर ठप होने से मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ा। कई मरीज और उनके तीमारदार इस अव्यवस्था से नाराज दिखे। अस्पताल प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तुरंत आफलाइन (हाथ से लिखी) पर्ची की व्यवस्था शुरू की, जिससे मरीजों का इलाज संभव हो सका।
अस्पताल की आईटी टीम ने सर्वर को ठीक करने का प्रयास किया, लेकिन नेटवर्क की समस्या के कारण रजिस्ट्रेशन कार्य बार-बार बाधित रहा। सीएमएस ने सर्वर की तकनीकी खराबी का स्थायी समाधान निकालने के निर्देश दिए, ताकि भविष्य में मरीजों को असुविधा न हो। दिनभर में कुल 1264 मरीजों ने पंजीकरण कराया।
हालांकि आनलाइन व्यवस्था दुरुस्त होती तो निश्चित ही यह संख्या 1800 से 2000 रुपये के बीच होती। वहीं दूसरी ओर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. आरएस राम ने अस्पताल का भ्रमण कर रजिस्ट्रेशन काउंटर, लैब, ओपीडी, ट्रामा सेंटर और फार्मेसी का निरीक्षण किया। उन्होंने कर्मचारियों को मरीजों के प्रति संवेदनशील व्यवहार अपनाने और समय पर सेवा देने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान अस्पताल में गंदगी देख सफाई कर्मचारियों पर नाराजगी जाहिर की।
