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हमें अपनी संस्कृति और संस्कार को बचाना है:-- डॉ शिवाकांत ओझा
  • 151019049 - VISHAL RAWAT 0 0
    14 Sep 2025 18:32 PM



फास्ट न्यूज इंडिया यूपी प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ गोई सरखेलपुर में पंडित पारसनाथ आचार्य की पुण्यतिथि पर एक समारोह पंडित रमेश चंद्र शुक्ला आचार्य की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। जिसमें भारी संख्या में संस्कृत के विद्वान आचार्य व्याकरणाचार्य शिक्षक अधिवक्ता एवं समाज के संभ्रांत व्यक्ति उपस्थित हुए। प्रातः काल आपके चित्रपट के समक्ष दीप प्रज्वलित एवं माल्यार्पण करने के पश्चात अध्यक्ष महोदय ने श्रीमद्भागवत के श्लोकों का वाचन किया। द्वितीय सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ शिवाकांत ओझा पूर्व मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि आप महामानव थे। आपने सदैव समाज के हित के लिए कार्य किया किंतु आज समाज में कुछ विकृतियां आ गई हैं। जिस पर हमें स्वयं ध्यान देने की आवश्यकता है भारी संख्या में लोग नशे की आदी होते जा रहे हैं यह नशा समाज में अपराध को बढ़ावा देता है। हमें अपनी संस्कृति और संस्कार को बचाना है। अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों से सदैव दूरी बनाकर रखनी चाहिए। समाज के बौद्धिक वर्ग की भी जिम्मेदारी है कि वह ऐसी प्रवृत्ति के लोगों को सुधारने का कार्य करें। राष्ट्र और समाज सर्वोपरि है।

हिंदू शब्द अनंत काल से चला आ रहा है, परम पूज्य जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती जी कहते हैं कि हिंदू शब्द की व्याख्या वेदों में की गई है। कार्यक्रम का समापन करते हुए धर्माचार्य ओमप्रकाश पांडे अनिरुद्ध रामानुज दास ने अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि पृतिपक्ष हमारे पितरों को तृप्त करने के लिए वर्ष में एक बार आता है। श्रद्धा से जो कार्य पितरों के लिए किया जाता है उसे श्राद्ध कहते हैं। संस्कृति संस्कृत और संस्कार सनातन धर्म के प्राण हैं, गीता गंगा गायत्री हमारी पहचान हैं। पुत्र और मूत्र दोनों की उत्पत्ति एक स्थान से होती है, जो पुत्र अपने पिता के लिए कुछ करता है वह पुत्र कहलाने के योग्य होता है, जो पुत्र अपने पितरों के लिए कुछ नहीं करता वह मूत्र के समान है। जीवित रहने पर अपने माता-पिता की सेवा करना चाहिए और उनके ना रहने पर पितरों को पिंडदान इत्यादि करके ब्राह्मण को दान देना चाहिए।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से ओम प्रकाश त्रिपाठी पूर्व भाजपा अध्यक्ष पंडित गिरजा शंकर त्रिपाठी सेवानिवृत्त पूर्व आईएएस निर्मल शरण दास जी महाराज स्वामी रामपूरन त्रिपाठी आलोक ऋषि वंस पंडित महेंद्र मिश्रा एडवोकेट पंडित दिनेश शर्मा प्रतिनिधि डॉक्टर महेंद्र प्रताप सिंह पूर्व मंत्री अशोक राय आचार्य नरेंद्र पांडे पं मदन पांडे पंडित कृष्ण कांत त्रिपाठी पंडित सुधाकर दत्त मिश्रा सहित भारी संख्या में मूर्धन्य विद्वानों ने सनातन धर्म एवं पृतिपक्ष के महत्व पर विचार रखे और अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए आपको एक महान समाज सुधारक बताया।
आए हुए लगभग पचास मूर्धन्य विद्वानो एवं संतो तथा शिक्षकों को अंग वस्त्रम तथा माल्यार्पण करके सम्मानित किया गया। अंत में कार्यक्रम के आयोजक आचार्य उमाकांत त्रिपाठी ने आए हुए महानुभावों के प्रति आभार व्यक्त किया। संचालन आचार्य अमित पांडे एवं पंडित शिवेंद्राचार्य जी ने किया। तत्पश्चात एक विशाल भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें हजारों लोगों ने प्रसाद पाया। रिपोर्ट विशाल रावत डिस्ट्रिक ब्यूरो चीफ प्रतापगढ़ 151019049



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