मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में बताया कि नोएडा में स्थित आईआईटी के ड्रोन टेक्नोलॉजी सेंटर का पिछले दिनों उन्होंने निरीक्षण किया और देखा कि किस तरह से आईआईटी की ड्रोन टेक्नोलॉजी का प्रयोग हो रहा है। ऑपरेशन सिंदूर में भी इसका योगदान देखने को मिला है। उन्होंने कहा कि आईआईटी का मेडटेक सेंटर अगले वर्ष तक बड़ी उपलब्धि के तौर पर सामने आएगा। यह चीज बहुत पहले होनी चाहिए थी, प्रतिस्पर्धा की इस युग में जो पीछे छूट जाएगा। उसकी गिनती नहीं होगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश 1964 तक देश की नंबर वन इकोनॉमी था, लेकिन 2016 -17 तक यह आठवीं अर्थव्यवस्था बन गया। अब फिर से उत्तर प्रदेश दूसरी अर्थव्यवस्था बना है और इसे आगे बढ़ाने के लिए आईआईटी की टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्री के साथ समन्वय की राह पर चलना जरूरी है। उन्होंने कहा कि मन के तीन स्तर होते हैं, चेतन मन से आधुनिक अध्ययन किया जा सकता है अवचेतन मन से नवाचार को साकार किया जा सकता है और अचेतन मन से सर्वश्रेष्ठ शोध एवं अनुसंधान का लक्ष्य पाया जा सकता है। आईआईटी कानपुर से कहा कि वह नोएडा में उत्तर प्रदेश सरकार के बनने वाले डीपटेक सेंटर का नेतृत्व करें सरकार ने वहां जमीन आवंटित कर दी है इसके लिए आईआईटी के वैज्ञानिकों और इंडस्ट्री के लोगों को एक साथ आने की जरूरत है। समारोह मंच पर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर डॉक्टर हैरिक विन और आईआईटी के उपनिदेशक प्रोफेसर बृजभूषण मौजूद रहे।
