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ESIC हॉस्पिटल पांडेयपुर वाराणसी में दवाओं की कमी से मरीजों में बढ़ी नाराजगी, स्टाफ से उलझते हैं लोग
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    01 Sep 2025 21:30 PM



फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया यूपी वाराणसी: ESIC हॉस्पिटल पांडेयपुर में दवाओं की कमी के कारण मरीजों को सिर्फ चिकित्सा समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ रहा, बल्कि अस्पताल के स्टाफ से भी उनकी नोकझोक बढ़ रही है। दवाइयों की पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने के कारण मरीजों में गुस्सा और निराशा का माहौल है। कई बार स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है कि मरीज दवा काउंटर पर स्टाफ से उलझने लगे हैं, और कभी-कभी अस्पताल के गार्ड से भी उनकी झड़प हो जाती है।

दवाइयों की कमी से गुस्से में मरीज

अस्पताल के दवा काउंटर पर लंबी कतारें और बार-बार दवाइयों का न मिलना, मरीजों के लिए बेहद परेशान करने वाली स्थिति बन गई है। जब मरीजों को काउंटर पर यह बताया जाता है कि दवाइयां उपलब्ध नहीं हैं, तो उनका गुस्सा उभरकर स्टाफ पर आ जाता है। कुछ मामलों में तो मरीजों ने अपनी नाराजगी जताने के लिए गार्ड से भी उलझना शुरू कर दिया है। एक मरीज ने बताया, "मैंने तीन दिन से कोशिश की कि मुझे दवाइयां मिल जाएं, लेकिन हर बार मुझे वापस भेज दिया जाता है। आज तो मुझे काउंटर पर ही स्टाफ से बहस करनी पड़ी।"

मरीजों की बढ़ती निराशा

स्थिति को और गंभीर बनाने वाली बात यह है कि अस्पताल में इलाज के लिए आए कई लोग पहले ही अस्पताल के सिस्टम से असंतुष्ट हैं। जब उन्हें दवाइयाँ नहीं मिलतीं, तो उनका गुस्सा और बढ़ जाता है। काउंटर पर कर्मचारियों से उलझते हुए एक मरीज ने कहा, "यह अस्पताल सरकार की ओर से है, और हम गरीब लोग ही इसका उपयोग करते हैं। लेकिन अगर यहां इलाज नहीं मिल रहा, तो हम कहां जाएं? और जब स्टाफ भी हमारी मदद नहीं करता तो क्या करें?"

गार्ड से भी हो रही झड़प

अस्पताल में दवाइयों की कमी के साथ-साथ मरीजों और गार्ड के बीच भी कई बार झड़प की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है। गार्डों की भूमिका मरीजों को शांति से नियंत्रित करना और अस्पताल की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, लेकिन दवाइयों की कमी और मरीजों की बढ़ती नाराजगी के कारण गार्डों से भी विवाद हो रहा है। कुछ गार्डों का कहना है कि वे भी स्थिति को समझने की कोशिश करते हैं, लेकिन जब गुस्साए मरीज उनसे भी उलझते हैं तो उनका काम और भी मुश्किल हो जाता है।

अस्पताल प्रशासन की प्रतिक्रिया

इस पूरे मामले पर अस्पताल प्रशासन पीके राय का कहना है कि दवाओं की कमी अस्थायी है और वे शीघ्र ही इसे हल करने के लिए प्रयासरत हैं। हालांकि, प्रशासन पीके राय ने यह भी स्वीकार किया कि अस्पताल के कर्मचारियों और गार्डों को इस प्रकार की परिस्थितियों से निपटने के लिए अतिरिक्त प्रशिक्षण की आवश्यकता है, ताकि ऐसे विवादों को शांति से सुलझाया जा सके। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि दवाइयों की आपूर्ति में जल्द सुधार होगा और मरीजों को राहत मिलेगी।

समस्या का समाधान

विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार की स्थिति सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए चिंता का विषय है। मरीजों के साथ संवाद और सहयोग का माहौल बनाए रखना आवश्यक है। अस्पतालों में दवाइयों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ-साथ, स्टाफ और सुरक्षा कर्मचारियों को भी ऐसे मामलों में निपटने के लिए उपयुक्त प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। इसके अलावा, अस्पतालों में मरीजों को बेहतर जानकारी और मार्गदर्शन देने की आवश्यकता है, ताकि वे कम से कम इस तरह की समस्याओं का सामना करें।

निष्कर्ष

यदि अस्पताल प्रशासन और स्टाफ मिलकर काम करें और दवाइयों की आपूर्ति सुनिश्चित करें, तो मरीजों की नाराजगी और उनकी असंतोषपूर्ण प्रतिक्रियाओं को रोका जा सकता है। इस समय की सबसे बड़ी आवश्यकता यह है कि अस्पताल में एक स्वस्थ संवाद और बेहतर चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि मरीजों को समय पर इलाज मिल सके और वे अस्पताल प्रशासन पर विश्वास बनाए रखें।

ESIC Hospital, Varanasi | Employee's State Insurance Corporation, Ministry  of Labour & Employment, Government of India

 



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