श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण होने के साथ पर्यटकों की संख्या में कई गुना बढ़ोतरी हो गई है। भीड़ को देखते हुए मैदागिन से गोदौलिया तक नो व्हीकल जोन कर दिया गया है। वहीं, गोदौलिया से दशाश्वमेध तक भी नो व्हीकल जोन कर दिया गया है। स्थानीय लोगों को थोड़ी छूट जरूर दी गई है। वहीं, गोदौलिया से सोनारपुरा, रथयात्रा, लहुराबीर और मैदागिन से लहुराबीर के बीच वाहनों का अधिक दबाव रहता है। ट्रैफिक पुलिस आए दिन विकल्प तलाशती रहती है लेकिन कोई हल नहीं निकल रहा है, ऐसे में दशाश्वमेध घाट से गंगा पार तक रोपवे चलाने पर विचार किया गया है।
अब यह देखा जा रहा है कि दशाश्वमेध घाट से गंगा उस पार फाउंडेशन कहां बनाने में आसानी होगी। कितनी दूरी होगी और कितना बजट खर्च होगा। साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि इससे पर्यटकों को कितना लाभ मिलेगा।
2372.09 करोड़ में बनेगा फोरलेन
गंगा पार फोरलेन बनने के साथ चंदौली, मीरजापुर, बिहार और मध्य प्रदेश सहित कई शहरों से सीधा जुड़ाव हो जाएगा। 2372.09 करोड़ रुपये से बनने वाले फोरलेन में तीन फिंगर जेटी (जहां जलयान को ठहराया जा सके) का निर्माण, मंदिर के लिए सिग्नेचर ब्रिज, हेलीपैड, हुनर हार्ट, फूड प्लाजा, किड्स प्ले जोन, योग सेंटर, ग्रीन पार्क, फिंगर जेटी के पास पार्किंग एवं सर्विस रोड आदि सुविधा होगी। फोरलेन के लिए शासन ने एक लाख रुपये टोकन बनी जारी कर दिया है।
एक नजर में फोरलेन परियोजना
लागत : 2372.09 करोड़ रुपये
सिग्नेचर ब्रिज-368.19 करोड़ रुपये
अधिग्रहण : 27.02 हेक्टेयर
बजट : 500 करोड़ मिला
लंबाई : 8.15 किलोमीटर
सिग्नेचर ब्रिज की लंबाई-1.025 किलोमीटर
रोपवे के लिए बना है दशाश्वमेध भवन का फाउंडेशन
दशाश्वमेध घाट पर वाराणसी विकास प्राधिकरण ने दो मंजिल का दशाश्वमेध भवन बनाया है। पूर्व वीडीए उपाध्यक्ष राहुल पांडेय ने भवन बनाने के साथ फाउंडेशन को उसी हिसाब से बनवाया था कि भविष्य में गंगा पार से रोपवे संचालित करना हो तो कोई दिक्कत नहीं हो। उसी के हिसाब से उसकी ऊंचाई भी रखी गई है।
