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बेटियों की परवरिश में भूल से भी न करें इन 10 बातों को नजरअंदाज, वरना रह जाएंगी कमजोर
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    29 Aug 2025 10:00 AM



Parenting Tips Ten Lessons to Raise Strong and Independent Daughters

समाज बदल रहा है, चुनौतियां बढ़ रही हैं और ऐसे में बेटियों को सिर्फ लाड़-प्यार नहीं, बल्कि साहस, आत्मनिर्भरता और जीवन कौशल की जरूरत है। माता-पिता के लिए यह जरूरी है कि वे अपनी बेटियों को इस तरह पालें कि वे किसी भी परिस्थिति का सामना मजबूती से कर सकें। बेटियों को सुरक्षा न दें, बल्कि वह हर परिस्थिति में खुद को सुरक्षित रख सकें, ऐसा कौशल सिखाएं। आर्थिक और भावनात्मक तौर पर बेटियों को सशक्त बनाएं। इसके लिए उनके पालन पोषण के दौरान अभिभावकों को कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। आइए जानते हैं माता पिता की ऐसी 10 सीख, जो हर बेटी को आत्मविश्वासी और मजबूत बना सकती है। बेटियों को मजबूत बनाने का मतलब है उन्हें जीवन की हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार करना। सही पैरेंटिंग न सिर्फ उन्हें आत्मनिर्भर बनाएगी बल्कि समाज को भी सशक्त करेगी।
आत्मविश्वास दें
बचपन से ही बेटियों को सिखाएं कि वे अपनी बात खुलकर रखें। उन्हें बोलने, सवाल करने और निर्णय लेने का मौका दें। आत्मविश्वास ही उन्हें हर परिस्थिति में खड़ा रखेगा।
शिक्षा को प्राथमिकता
बेटियों को हमेशा यह समझाएं कि शिक्षा उनका सबसे बड़ा हथियार है। सिर्फ डिग्री नहीं, बल्कि कौशल आधारित ज्ञान और करियर ओरिएंटेड सोच उन्हें आत्मनिर्भर बनाएगी।
आर्थिक आत्मनिर्भरता की सीख
पॉकेट मनी से लेकर सेविंग तक, बेटियों को पैसों का महत्व और मैनेजमेंट सिखाना जरूरी है। उन्हें यह एहसास कराएं कि आर्थिक रूप से मजबूत होना ही असली स्वतंत्रता है।
'ना' कहना सिखाएं
किसी भी गलत परिस्थिति में समझौता न करना और दृढ़ता से “ना” कहना बेटियों के लिए बेहद जरूरी है। यह उन्हें शोषण या गलत फैसलों से बचाएगा।
मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर जोर
बेटियों को योग, मेडिटेशन और फिटनेस की आदत डालें। साथ ही, उन्हें मानसिक स्वास्थ्य के महत्व के बारे में भी समझाएं ताकि वे तनाव या दबाव से आसानी से उबर सकें।
सुरक्षा और आत्मरक्षा के गुर
कराटे, मार्शल आर्ट्स या सेल्फ-डिफेंस ट्रेनिंग बेटियों को न सिर्फ शारीरिक रूप से मजबूत बनाती है बल्कि उनका आत्मविश्वास भी बढ़ाती है।
समानता की समझ
बेटियों को सिखाएं कि वे किसी से कम नहीं हैं। घर के काम से लेकर बाहर के फैसलों तक, उन्हें बराबरी का हक दें और यही सोच उनमें विकसित करें।
फैसले खुद लेने की आदत
बेटियों को हर छोटे-बड़े फैसले लेने के लिए प्रोत्साहित करें। चाहे कपड़े चुनने हों या पढ़ाई का विषय – यह आदत उन्हें भविष्य में स्वतंत्र बनाएगी।
असफलता से न डरना
हर असफलता एक अनुभव है। बेटियों को सिखाएं कि हारना बुरा नहीं है, बल्कि उससे सीखना सबसे बड़ी जीत है। उन्हें निडर बनाएं, फिर चाहे वह कोई विषम परिस्थिति हों या असफलता हों।
रोल मॉडल बनें
माता-पिता का व्यवहार ही बच्चों की सबसे बड़ी सीख होती है। बेटियों को वही सिखाएं, जो आप अपने जीवन में अपनाते हैं चाहे वह मेहनत हो, ईमानदारी या आत्मनिर्भरता।



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