आज देश के भिन्न भिन्न प्रांतों की बात ही क्या अब तो चाईनीज अमेरिकन तक के फल सब्जियां मेरे शहर में उपलब्ध होने लगे हैं।
बहुत साल पहले बाजार में बरसात के दिनों में भुट्टे आते किन्तु बहुत कम, जरूरी नहीं अंदर से दुधिया ही निकले पके हुए भी निकल सकते थे जिन्हें भी चाव से खा लिया करते, आज तो अमेरिकन भुट्टो की रेड़िया अटी पड़ी रहती है और तो और बंद पैकेट अमेरिकन कॉर्न के नाम से फ्रोजन किए हुए मिल जाते हैं।
बाकी तो कोयले के लाल अंगारों पर पट पट सिके भुट्टे की ये कॉर्न बराबरी नहीं कर सकते।
,मक्के के हल्के पीले दाने आंच पर सिकते मदरी मदरी सुगंध फैलाते हुए काली काली टिकुलीयां सजा कर लूण मिर्च निंबू व सरसों के तेल की झांस लिपटी हो तो इसके स्वाद का आनंद ही कमाल होता है।
बड़े बड़े होटलों , फैंसी स्टॉल में स्मोक्ड कॉर्न नाम धरते ही इसका लेवल बढ़ जाता है भले ही दस गुना दाम में मिले वही भुट्टा।
भुट्टा खाने के कई फायदे हैं, खासकर बरसात के मौसम में। यह पाचन में सुधार करता है, इसमें मौजूद फाईबर कब्ज से राहत दिलाता है, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट इम्यूनिटी को भी मजबूत करते हैं.
