जहां गणेश जी की पूजा होती है वहां रिद्धि और सिद्धि का होता है वास:- अमित कृष्ण शास्त्री जी महाराज
फास्ट न्यूज इंडिया यूपी प्रतापगढ़। श्री हनुमान मंदिर चिलबिला तालाब पर चल रही शिव महापुराण कथा के पांचवें दिन कथा वाचक परम पूज्य अमित कृष्ण शास्त्री जी महराज ने कथा में बताया की कथा में भगवान श्री गणेश व कार्तिकेय के जन्म की कथा बताइ। भगवान गणेश का विवाह रिद्धि और सिद्धि नामक दो देवियों से हुआ था। ये दोनों ब्रह्मा जी की मानस पुत्रियाँ थीं। कुछ धार्मिक ग्रंथों के अनुसार गणेश जी को रिद्धि और सिद्धि से शुभ और लाभ नामक दो पुत्र हुए विवाह की कथा: पौराणिक कथाओं के अनुसार, गणेश जी ब्रह्मचारी रहना चाहते थे, लेकिन तुलसी द्वारा विवाह का प्रस्ताव ठुकराने पर, उन्होंने तुलसी को दो विवाह करने का श्राप दिया एक अन्य कथा के अनुसार, गणेश जी अन्य देवताओं के विवाह में विघ्न डालते थे, जिससे परेशान होकर ब्रह्मा जी ने अपनी पुत्रियों रिद्धि और सिद्धि को गणेश जी के पास शिक्षा के लिए भेजा। गणेश जी ने रिद्धि और सिद्धि से विवाह किया।
रिद्धि और सिद्धि का महत्व
रिद्धि का अर्थ है समृद्धि और सिद्धि का अर्थ है सफलता। कुछ मान्यताओं के अनुसार यह माना जाता है कि जहां गणेश जी की पूजा होती है, वहां रिद्धि और सिद्धि अपने आप आ जाती हैं। कथा में समाजसेवी रोशनलाल उमरवैश्य, सत्य प्रकाश केडिया, पवन कुमार एडवोकेट, मनोज कुमार, रामचंद्र, शनि महराज, सोनू महराज, सुमित महाराज, विनोद यादव, आशीष कुमार, भरत लाल, अमन गुप्ता, सनी गुप्ता, सिद्धार्थ, हरिओम पांडे, मनीष यादव, आदर्श कुमार, अमर जायसवाल, सचिन, देवेंद्र गुप्ता, पूनम गुप्ता, सुरेश अग्रवाल, छेदीलाल, देवानंद, संतोष कुमार, विवेक कुमार आदि भक्तगण उपस्थित रहे। रिपोर्ट विशाल रावत 151019049
