वाराणसी। श्रावण मास के पावन सोमवार को कैथी स्थित प्राचीन मार्कण्डेय महादेव धाम में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। रविवार रात्रि से ही कांवरियों का जत्था मंदिर परिसर में पहुंचना शुरू हो गया था, जो मंदिर में बने रैन बसेरों में विश्राम कर सोमवार की भोर होते ही "हर हर महादेव" के जयघोष के साथ बाबा का जलाभिषेक करने कतारबद्ध हो गया। जलाभिषेक का क्रम देर शाम तक चलता रहा। प्रशासन द्वारा मंदिर परिसर में पुरुष, महिलाएं और कांवरियों के लिए अलग-अलग लाइन की सुव्यवस्थित व्यवस्था की गई। गर्भगृह में प्रवेश वर्जित कर दिया गया है और जलधारी के माध्यम से जल चढ़ाने की व्यवस्था की गई। पूरे परिसर को सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में रखा गया, घाटों पर एनडीआरएफ टीम और गोताखोरों की भी तैनाती की गई है।
सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर एसीपी सारनाथ विजय प्रताप सिंह ने जानकारी दी कि रात्रि में रोशनी की समुचित व्यवस्था कराई गई है और अतिरिक्त पुलिस बल व पीएसी जवानों की तैनाती की गई है। श्रद्धालुओं को नियंत्रित तरीके से 10-10 या 20-20 के समूह में मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है ताकि दर्शन सुगमता से हो सकें।
सेवा में जुटी मार्कण्डेय गिरी समिति
मार्कण्डेय महादेव धाम गिरी समिति के अध्यक्ष बजरंगी गिरी व गौरव गिरी ने बताया कि समिति ने सभी पुरोहितों को पहचान पत्र देकर ड्यूटी प्वाइंट पर तैनात कर दिया है। साथ ही पेयजल, बिस्किट और छोटे बच्चों के लिए दुग्धपान की व्यवस्था की गई है। बुजुर्गों को पीछे से सुगम दर्शन कराए जाने की विशेष व्यवस्था भी समिति द्वारा सुनिश्चित की गई।
पूर्वांचल के जिलों से पहुंचे श्रद्धालु
सोमवार सुबह से ही गाजीपुर, बलिया, जौनपुर, भदोही, देवरिया, कुशीनगर, बस्ती, आजमगढ़, मऊ, चंदौली, सोनभद्र सहित पूर्वांचल के अन्य जिलों से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मंदिर पहुंची। श्रद्धालुओं का कहना है कि बाबा को जल अर्पित करने के बाद मानसिक शांति की अनुभूति होती है और सुख-समृद्धि की कामना पूरी होती है। महिलाएं जहां हर-हर महादेव के जयघोष के साथ जलाभिषेक कर रही थीं, वहीं पुरुष कांवरिए "बोल बम" के नारों के साथ बाबा को जल चढ़ा रहे थे। कुछ कांवरियों ने बताया कि वे दौसा समीर घाट और प्रयागराज के त्रिवेणी संगम से जल लेकर रविवार को ही यात्रा शुरू कर सोमवार को बाबा के दरबार में जल चढ़ा रहे हैं।
अन्य शिवालयों में भी रहा उत्सव का माहौल
केवल मार्कण्डेय धाम ही नहीं, सिद्धेश्वर महादेव, महाकालेश्वर महादेव, गौरी शंकर महादेव सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के शिवालयों में भी सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रही। रुद्राभिषेक व जलाभिषेक कर श्रद्धालुओं ने मंगल कामना की और श्रावण सोमवार को पूरी श्रद्धा से मनाया।
