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1.10 करोड़ की साइबर ठगी करने वाले गिरोह के सरगना सहित 3 साइबर अपराधी गिरफ्तार
  • 151000001 - PRABHAKAR DWIVEDI 0 0
    14 Jul 2025 20:32 PM



महेश प्रसाद पिता- स्व. जानकीदास, निवासी यश बिहार कालोनी ग्राम लठिया, वाराणसी  द्वारा थाना साइबर क्राइम कमि0 वाराणसी पर उपथित होकर प्रार्थना पत्र इस आशय से प्रस्तुत किया गया कि अज्ञात व्यक्ति द्वारा अपने आप को पुलिस अधिकारी बताकर Illegal No.7628100301 व 9078620158, 9078620158  फोन कर एफ आई आर दर्ज होने की बात बताकर वादी के आधार कार्ड पर आपके नाम से नरेश गोयल जो मनी लौड्रिंग केश में जेल में है, उसने केनरा बैंक में पैसो की निकासी की है यह 538 करोड़ मनि लौंड्रिंग का केश है, इसमें आपके नाम तथा आधार कार्ड का Misuse किया गया है, वादी के नाम का एटीएम कार्ड दिखाकर  अपने को CBI का Officer बताकर  जांच के नाम पर वादी के  बैंक  से  सारा पैसा RTGS दूसरे खाते में कुल 1 करोड़ दस लाख रूपयेकी साइबर ठगी कर ली गयी है जिसपर थाना हाजा पर मु0अ0सं0- 0021/2025 धारा – 318(2),318(4) बी.एन.एस. व 66 डी आई.टी.एक्ट पंजीकृत किया गया है जिसकी विवेचना सहायक पुलिस आयुक्त विजय प्रताप सिंह द्वारा की जा रही है।

उक्त प्रकरण के दृष्टिगत मोहित अग्रवाल पुलिस आयुक्त कमिश्ररेट वाराणसी एवं सरवणन टी पुलिस उपायुक्त अपराध कमिश्ररेट वाराणसी के निर्देशन में तथा नीतू अपर पुलिस उपायुक्त (साइबर क्राइम) कमिश्ररेट वाराणसी व विजय प्रताप सिंह सहायक पुलिस आयुक्त (साइबर अपराध) कमिश्ररेट, वाराणसी के नेतृत्व मे एक टीम का गठन कर उक्त घटना के अनावरण हेतु निर्देशित किया गया। गठित टीम द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए मुकदमा उपरोक्त की घटना मे संलिप्त आम जनमानस को डिजिटल अरेस्ट के नाम पर साइबर ठगी करने वाले गैग के सरगना सहित 03 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है जिनके कब्जे से मुकदमा उपरोक्त से सम्बन्धित मोबाइल फोन, सिमकार्ड नकदी आदि बरामद की गयी है।

साइबर अपराधियो द्वारा आमलोगो को पैसे आदि का लालच देकर उनका बैंक खाता विभिन्न बैंक खातों मे खुलवाया जाता है तथा इन बैंक खातों मे क्रेडिट धनराशि का कुछ भाग भी खाताधारक को दिया जाता है खाता खुलवाने के बाद इन बैंक खातो की संपूर्ण किट अपने पास ले लिया जाता है उसके बाद इन खातो मे साइबर अपराधियों द्वारा अपने विदेशी साथी साइबर अपराधियों के साथ मिलकर डिजिटल अरेस्ट तथा इन्वेस्टमेंट से सम्बन्धित ठगी गयी धनराशि को उक्त बैंक खातों मे मंगवाया जाता है फिर इन पैसो को विभिन्न बैंक खातो मे ट्रान्सफर करते हुए कैश निकाल लिया जाता है तथा अपने साथी विदेशी साइबर अपराधियों को इन पैसो के बदले अपना कमीशन काटते हुए डालर मे पेमेन्ट कर दिया जाता है।



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