नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज चार लोगों को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। मुर्मु ने संविधान के अनुच्छेद 80(1) के खंड (3) के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए मनोनीत किया। इस लिस्ट में वरिष्ठ वकील उज्ज्वल निकम समेत देश के जाने-माने लोग शामिल हैं।
बड़े क्राइम केस संभालने के लिए मशहूर सरकारी वकील उज्ज्वल देवराव निकम, केरल के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद् सी. सदानंदन मास्टर समेत 4 लोगों को राष्ट्रपति ने मनोनीत किया है।
पूर्व विदेश सचिव भी मनोनीत
साथ ही, भारत के पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और मशहूर इतिहासकार एवं शिक्षाविद् मिनाक्षी जैन को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है।
राष्ट्रपति ने विशेष अधिकार के तहत किया मनोनीत
ये नामांकन पूर्व में नामित सदस्यों की सेवानिवृत्ति के कारण उत्पन्न हुई रिक्त पदों के मद्देनजर किए गए हैं। यह नामांकन राष्ट्रपति द्वारा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 80 के तहत किया गया है।
यह अनुच्छेद राष्ट्रपति को यह अधिकार देता है कि वे उन लोगों को राज्यसभा में नामित करें जो साहित्य, विज्ञान, कला या समाजसेवा जैसे क्षेत्रों में विशेष ज्ञान या अनुभव रखते हों।
कौन हैं उज्ज्वल निकम?
उज्ज्वल देवराव निकम देश के सबसे चर्चित आपराधिक मामलों में विशेष सरकारी वकील रह चुके हैं। उन्हें सबसे ज्यादा पहचान मुंबई में 26/11 आतंकी हमलों के आरोपी अजमल कसाब के मुकदमे में मिली, जिसमें उन्होंने सरकार का पक्ष प्रभावी तरीके से रखा।
इसके अलावा वे 1993 के मुंबई बम धमाकों, प्रेरणा मर्डर केस और बहुचर्चित जलगंव सेक्स स्कैंडल जैसे मालमों में भी स्पेशल सरकारी वकील रहे हैं। उन्होंने अपने करियर में महाराष्ट्र सरकार की और से 600 से ज्यादा मामलों में पैरवी की है।
कौन हैं हर्षवर्धन श्रृंगला?
हर्षवर्धन श्रृंगला 1984 बैच के भारतीय विदेश सेवा (IFS) ऑफिसर हैं। वे भारत के बांग्लदेश में उच्चायुक्त भी रह चुके हैं और उन्होंने जनवरी 2020 से अप्रैल 2022 तक भारत के विदेश सचिव के रूप में भी कार्य किया है।
श्रृंगला ने कोविड-19 महामारी के दौरान भारत के विदेश नीति को संभालते हुए अंतरराष्ट्रीय रिश्तों को मजबूत बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई थी। वे संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका में भी भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
