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काशी में गंगा का उफान, 12 घंटे में 65 सेमी बढ़ा जलस्तर, घाटों का संपर्क टूटा
  • 151000001 - PRABHAKAR DWIVEDI 344 2355
    10 Jul 2025 21:37 PM



वाराणसी। पहाड़ों पर हो रही वर्षा, उफनाती सहायक नदियां और बैराज से छोड़े गए पानी ने प्रयागराज से बलिया तक गंगा की धारा में उछाल ला दिया है। जलस्तर में तेजी से हो रही वृद्धि ने बुधवार को आशंकाओं के बादल और घने कर दिए।

सुबह आठ बजे तक 24 घंटे में बढ़े 72 सेमी पानी से जलस्तर 63.85 मीटर तक पहुंच चुका था। सुबह 10 बजे के बाद अचानक प्रवाह में और तेजी आई तथा जलस्तर तीन सेमी प्रति घंटा की बजाय छह सेमी प्रति घंटा के वेग से बढ़ने लगा, घाट की सीढ़ियां एक-एक कर डूबने लगीं। दोपहर होते-होते काशी के सभी गंगा घाटों के बीच संपर्क भंग हो गया।

लहराता पानी गंगा सेवा निधि के कार्यालय तक आ पहुंचा फिर तो शाम के समय लगातार दूसरे दिन विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती स्थल में परिवर्तन करना पड़ा और आरती अपने निर्धारित स्थल से लगभग 30 फीट पीछे की गई।

घाट किनारे के सभी मंदिर डूब गए हैं, ऊपर के मंदिरों में भी पानी घुस गया है। उधर पानी बढ़ने से श्मशान घाटों पर शवदाह की समस्या बढ़ गई है। हरिश्चंद्र घाट पर शवदाह गलियों में तो मणिकर्णिका घाट पर छत पर किया जाने लगा है।

गंगा का जलस्तर मंगलवार की सुबह आठ बजे राजघाट पर 63.13 मीटर था जो बुधवार की सुबह आठ बजे 24 घंटे में 72 सेमी बढ़कर 63.85 मीटर हो गया। इसके बाद जलस्तर बढ़ने की गति में तेजी आई और अगले 12 घंटे में यानी शाम के आठ बजे तक यह 65 सेमी बढ़कर 64.50 मीटर पर जा पहुंचा। पानी बढ़ने से दोपहर में ही घाटों पर अफरा-तफरी मच गई थी।

घाट पुरोहित अपनी चौकियां तथा सामान ऊपर चढ़ाने लगे थे। पानी घाटों की सीढ़ियों पर चढ़ता गया और इसी बीच सभी घाटों का आपस में संपर्क भंग हो गया। शाम के चार बजे तक पानी गंगा सेवा निधि के कार्यालय तक पहुंचकर लहराने लगा। संस्था के लोगाें ने आरती स्थल को 30 फीट पीछे किया, फिर आरती की जा सकी।

मणिकर्णिका घाट पर दुकानदारों ने हटाई लकड़ियां

गंगा में पानी बढ़ने पर महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर शवदाह की समस्या और विकट हो गई है। वहां चल रहे निर्माण कार्य के चलते तीन प्लेटाफार्म पहले ही तोड दिए गए थे, इससे शवदाह ऊपर ही किया जा रहा था।

पानी बढ़ने से समस्या और बढ़ गई है। दुकानदारों ने अपने लकड़़ियों का स्टाक कम करना शुरू कर दिया है। उन्हें आशंका है कि पानी के ऊपर तक चढ़ जाने के बाद इधर गलियों में शवदाह कराया जा सकता है।



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