वाराणसी। खौलते भाप की तरह की गर्माहट लिए पुरवाई का झकोरा दिन तो दिन, देर रात तक त्वचा को झुलसाता रहा। शरीर के जिस भी खुले अंग को गर्म हवा स्पर्श करती, वहां तीव्र जलन का आभास होता। चमड़ी झुलसाते इस तापलहर की चपेट में हर जीव-जंतु और वनस्पति झुलस रहे हैँ। अस्पताल में बीमारों की संख्या बढती जा रही है।
बनारस प्रदेश में तीसरा सबसे गर्म शहर बना
शनिवार इस जून के प्रथम पखवारे का सबसे गर्म दिन रहा और बनारस प्रदेश में तीसरा सबसे गर्म शहर बना रहा। सुबह से ही निकली तीखी धूप ने खूब पसीना छुड़ाया। सुबह साढ़े आठ बजे ही तापमान 36 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। दोपहर के दो बजते-बजते यह सामान्य से 4.8 डिग्री सेल्सियस अधिक 44.6 तक पहुंच गया, लेकिन लेकिन पुरवा हवा के साथ आ रही नमी संग मिलकर वह 49 डिग्री सेल्सियस का आभास कराता रहा। इस बीच 12 से 15 किमी प्रति घंटा के वेग से चली पुरवाई में भरी नमी के साथ उष्णता ने मिलकर भापयुक्त तापलहर का रूप धारण कर लिया। शाम के छह बजे हवा की गति सर्वाधिक रहीं, रात के 10 बजे तक 11 किमी प्रति घंटा के वेग से तापलहर चलती रही। न्यूनतम तापमान भी सामान्य से 2.1 डिग्री सेल्सियस अधिक 31 डिग्री सेल्सियस रहा। इस बीच आर्दता 58 से 38 प्रतिशत के बीच रही।
अभी तीन दिन ऐसे ही हालात के संकेत
मौसम विज्ञान विभाग का अनुमान है कि ऐसी ही स्थिति अभी तीन दिन और रह सकती है। 17 जून के बाद बादल आ सकते हैं और वर्षा हो सकती है। इस बीच में कहीं-कहीं स्थानीय आर्द्रता और उष्णता के मेल से कहीं-कहीं गरज-चमक और तेज हवा के साथ बूंदाबांदी या छींटे पड़ सकते हैं। बीएचयू के मौसम विज्ञानी प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव कहते हैं कि ऐसा हो सकताा है, परिस्थितियां ऐसी बनी तो हैं, पर अभी उतनी नमी नहीं मिल रही है जिससे बादलों के बनने की प्रक्रिया तेज हो सके। यदि ऐसा माहौल बना तो ग्रामीण क्षेत्रों में बूंदाबांदी या छींटे पड़ सकते हैं, नगरीय क्षेत्र में अभी संभावना नहीं दिखती।