दुर्ग में सीबीआई के अधिकारी बनाकर एक महीने तक महिला को डिजिटल अरेस्ट कर लाखों रुपए की ठगी करने वाले चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पकड़े गए सभी आरोपी उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहने वाले है। और इनके द्वारा ठगी के पैसे को ट्रांसफर करने के लिए बैक खाता उपलब्ध करते थे। इस मामले में पुलिस अन्य आरोपियों की पतासाजी में जुट हुई है।
भिलाई के नेवई थाना क्षेत्र को रिसाली की रहने वाली नम्रता चंद्राकर ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई कि वह उसे पिछले एक महीने से डिजिटल अरेस्ट कर अज्ञात आरोपी द्वारा 54 लाख 90 हजार रुपए की ठगी वारदात को अंजाम दिया गया है । पीड़ित महिला के पिता के मोबाइल में अज्ञात व्यक्ति द्वारा व्हाट्सएप कॉल आया था। कॉल करने वाले ने अपने आप को सीबीआई का अधिकारी बताया। और उसने कहा कि आपके पिता के बैंक खाता है वह मुंबई के नरेश गोयल के पास से बरामद हुआ और उस खाते में मनी लॉन्ड्रिंग का 2 करोड रुपए ट्रांजैक्शन हुआ है।
अज्ञात आरोपी ने महिला को किसी नरेश गोयल नाम के व्यक्ति की आवाज भी उसे सुनाई गई जिसमें नरेश गोयल ने 5 लाख में उनके पिता के खाते को खरीदना बताया। जिसमे गरीबों के खाते से आपके खाते में ट्रांसफर हुआ है और उसे वापस नहीं किया गया तो आपके उच्च न्यायालय के निर्देश का पालन करते हुए जेल जाना पड़ेगा। जिसके बाद महिला डरकर 29 अप्रैल 2025 से लेकर 29 मई 2025 तक 54 लाख 90 हजार रुपए आरटीजीएस के माध्यम से अज्ञात आरोपी के द्वारा दिए गए खाते में ट्रांसफर की। पीड़ित महिला को लगातार डिजिटल अरेस्ट कर पैसे की डिमांड करने पर महिला को शक हुआ की उसके साथ धोखाधड़ी हो है जिसके बाद पीड़ित महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
सीएसपी सत्यप्रकाश तिवारी ने बताया कि पीड़िता महिला ने पुलिस थाने में शिकायत की। शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच में जुट गई थी पुलिस ने महिला के द्वारा ट्रांसफर किए पैसे का बैंक डिटेल खंगाली गई।जिसमे उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहने वाले 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिसमे दीपक गुप्ता,राजेश विश्वकर्मा, कृष्ण उर्फ कृष और शुभम श्रीवास्तव शामिल है।पकड़े गए आरोपी ठगी के पैसे को खाते में ट्रांसफर करवाने के एवज में कमीशन पर काम करते थे। आरोपी 1 लाख पर 4 हजार कमीशन लेते थे। और इस मामले में 9 लाख रुपए ट्रांसफर किए थे जिसके एवज में 36 हजार रुपए कमीशन लिए थे। आरोपी शुभम श्रीवास्तव अपने साथियों के साथ मिलकर बैंक खाता उपलब्ध करते थे। इस मामले में अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है।