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खाना हो या पढ़ाई... बात-बात पर आनाकानी करने लगा है बच्चा? महीनेभर में सुधार देंगे 5 आसान टिप्स
  • 151000001 - PRABHAKAR DWIVEDI 342 7865
    09 Jun 2025 11:32 AM



क्या आपके नन्हे-मुन्ने ने घर में "नखरेबाज" का खिताब जीत लिया है? सुबह नाश्ते से लेकर रात के होमवर्क तक, हर बात पर उसकी "ना बाबा ना" की रट से आप परेशान हैं? अगर आपका बच्चा भी छोटी-छोटी बातों पर आनाकानी करने लगा है, तो यह आर्टिकल आपको पूरा पढ़ना चाहिए (how to handle stubborn child)। दरअसल, आजकल के हर दूसरे घर की यही कहानी है, यहां बताए 5 टिप्स (Child Behavior Tips) को अपनाइए और देखिए, महीने भर में आपका बच्चा कैसे नखरे छोड़, आपकी बात सुनने लगता है।

नियम तय करें और उन पर टिके रहें

बच्चों को क्लियर बाउंड्रीज पसंद होती हैं। ऐसे में, आप घर के नियम तय करें और उन्हें बताएं कि क्या सही है और क्या नहीं। उदाहरण के लिए, "रात 8 बजे के बाद कोई स्क्रीन टाइम नहीं" या "होमवर्क खत्म होने से पहले खेल-कूद नहीं"। सबसे जरूरी बात यह है कि आप इन नियमों पर खुद भी टिके रहें। अगर आप आज नियम तोड़ेंगे, तो कल बच्चा भी इसे गंभीरता से नहीं लेगा।

ऑप्शन दें, आदेश नहीं

बच्चे अक्सर कंट्रोल में रहना पसंद करते हैं। उन्हें सीधे आदेश देने के बजाय, ऑप्शन्स के साथ पूछें। उदाहरण के लिए, "आज खाने में दाल चावल खाओगे या रोटी सब्जी?" या "पहले गणित का होमवर्क करोगे या विज्ञान का?" इससे उन्हें लगेगा कि वे निर्णय ले रहे हैं और उनके अंदर सपोर्ट की भावना भी बढ़ेगी।

पॉजिटिव अप्रोच

जब आपका बच्चा अच्छा बरताव करे, तो उसकी तारीफ करना न भूलें। उसे बताएं कि आपको उसका बिहेवियर कितना पसंद आया। आप चाहें, तो उसे छोटे-मोटे इनाम भी दे सकते हैं, जैसे एक स्टार स्टिकर, उसकी पसंदीदा कहानी पढ़ना, या थोड़ा एक्स्ट्रा खेल-कूद का समय। नकारात्मक व्यवहार पर ध्यान देने के बजाय, अच्छे बिहेवियर को मोटिवेट करें।

बच्चों की बात सुनें

कई बार बच्चे सिर्फ ध्यान आकर्षित करने के लिए आनाकानी करते हैं। उनके साथ समय बिताएं, उनकी बातें सुनें और उनकी भावनाओं को समझें। जब आप उनके साथ इमोशनली जुड़ेंगे, तो वे आपकी बात ज्यादा सुनेंगे। डिनर टेबल पर या सोने से पहले उनसे उनके दिन के बारे में पूछें।

सब्र रखें और एक उदाहरण बनें

बच्चों को बदलने में समय लगता है। ऐसे में, आप सब्र से काम लें और लगातार इन टिप्स को फॉलो करें। याद रखें, बच्चे अपने माता-पिता को देखकर सीखते हैं। इसलिए, अगर आप खुद शांत और व्यवस्थित रहेंगे, तो बच्चा भी उसी तरह का व्यवहार सीखेगा। अपने रिएक्शन्स को कंट्रोल करें और गुस्से में आकर कोई फैसला न लें।

 



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