फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप से जुड़े धनशोधन मामले में ईजमाईट्रिप के संस्थापक निशांत पिट्टी के खिलाफ कार्रवाई की खबरों के बीच कंपनी ने इस मामले में अपना पक्ष रखा है। रिपोर्ट्स के अनुसार पिट्टी पर 25 कंपनियों के शेयर में हेरफेर का आरोप है। अब इस मामले में कंपनी ने पिट्टी पर लगे आरोपों को खारिज कर दिया है।
ट्रैवल बुकिंग प्लेटफॉर्म ईजमाईट्रिप ने महादेव एप सट्टेबाजी मामले में अपने संस्थापक और चेयरमैन निशांत पिट्टी पर लगे आरोपों को सिरे नकार दिया है। कंपनी ने कहा है कि ये दावे पूरी तरह से निराधार, भ्रामक और तथ्यात्मक रूप से बेबुनियाद हैं।
पिट्टी पर कथित तौर पर ऑपरेटरों के एक नेटवर्क के साथ मिलीभगत करके अवैध सट्टेबाजी में शामिल होने का आरोप है। दावा किया गया है कि अवैध सट्टेबाजी से मिले पैसे का इस्तेमाल उन्होंने 25 सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर मूल्यों में हेरफेर किया।
ईडी ने 55 स्थानों पर की छापेमारी प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने अप्रैल में महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग मामले कई राज्यों में छापेमारी की। दिल्ली, मुंबई, चंडीगढ़,अहमदाबाद,इंदौर,जयपुर,चेन्नई और ओडिशा के संबलपुर सहित 55 स्थानों पर छापे मारे गए।
ईजमाईट्रिप के शेयर में आई गिरावट हालांकि ईजमाईट्रिप ने इस मामले में अपने संस्थापक का हाथ होने से साफ इंकार किया है। कंपनी ने कहा कि पिट्टी का महादेव एप से संबंधित किसी भी अवैध सट्टेबाजी संचालन या संस्थाओं से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई संबंध नहीं है। कंपनी ने आगे दावा किया कि दोनों संस्थाओं ने मई 2021 में खुले बाजार के माध्यम से स्वतंत्र रूप से ईजमाईट्रिप के शेयर खरीदे।
शेयरधारक अधिकारों के मुताबिक, दिसंबर 2021 में उन्हें लगभग 5 लाख रुपये के लाभांश का भुगतान किया गया था। इन संस्थाओं के साथ कोई दूसरा लेन-देन नहीं हुआ है। इस खबर के बाद बुधवार को बीएसई पर ईजमाईट्रिप के शेयर 3.99 प्रतिशत गिरकर 11.07 रुपये पर आ गए।
