
बीएड (बैचलर ऑफ एजुकेशन) की पढ़ाई अब केवल मल्टी डिसिप्लिनरी (बहुविषयक) कॉलेजों में होगी। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) के दिशानिर्देश के मुताबिक, तीन किलोमीटर के दायरे वाले सभी एकल बीएड कॉलेज अब डिग्री कॉलेजों में मर्ज हो जाएंगे। वहीं, 10 किलोमीटर के दायरे में आने वाले एकल बीएड कॉलेजों को अन्य डिग्री कॉलेज के साथ मिलकर बीएड की पढ़ाई करवानी होगी। प्रति कोर्स में 50 छात्रों को दाखिला मिलेगा। एनसीटीई ने देश के सभी 15 हजार से अधिक बीएड कॉलेजों को मल्टीडिसिप्लिनरी में तब्दील करने के लिए वर्ष 2030 तक का समय दिया है राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत राज्यों को पहले एकल तकनीकी शिक्षा संस्थानों को बहुविषयक उच्च शिक्षा संस्थानों में बदलने के दिशानिर्देश जारी किए हैं। एनईपी के तहत स्कूली ढांचे में बदलाव हुआ है। इसमें स्कूली शिक्षा फाउंडेशन, प्रीपरेटरी, मिडिल और सेकंडरी यानी 5, 3, 3 और 4 के आधार पर बांटी गई है। इसमें 3 से 18 आयु वर्ग के छात्र शामिल होते हैं। इसमें छात्रों को विषयों की पढ़ाई के साथ ज्ञान और कौशल के विकास को सुदृढ़ करना है। इसी के तहत बीएड पाठयक्रमों में बदलाव किया जा रहा है।
बंद होने के कगार पर खड़े बीएड कॉलेजों को बड़ी राहत
एनसीटीई ने यूजीसी वर्ष 2030 तक सिंगल डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई करवाने वाले बीएड कॉलेजों को मर्ज कर पढ़ाई करवाने का विकल्प दिया है। छात्रों और आर्थिक संसाधनों की कमी की वजह से बंद होने के कगार पर पहुंचे ऐसे बीएड कॉलेज अब अपने शहर या नजदीक के दूसरे डिग्री कॉलेजों के साथ मिलकर पढ़ाई करवा सकेंगे। इसके लिए दोनों कॉलेजों को एक समझौता करना होगा। इसमें वे एक-दूसरे के शिक्षक, भवन समेत बुनियादी ढांचे का उपयोग कर सकेंगे।