फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया
पहगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ रहे तनाव के चलते गुरुवार को पाकिस्तान ने अपने ही नागरिकों को लेने से मना कर दिया और गेट नहीं खोले। हालांकि भारत सरकार की ओर से पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने की दी गई, डेडलाइन खत्म हो चुकी है। फिर भी कहा जा रहा था कि पाकिस्तान अगर गेट खोलता है तो नागरिकों को उनके वतन भेजा जाए।
ऐसे में गुरुवार देर शाम तक लोगों को अटारी बॉर्डर पर रोका गया। पाकिस्तानी नागरिक अटारी बॉर्डर पर पहुंचे और घंटो इंतजार करते रहे। जब पाकिस्तानी रेंजर्स की ओर से गेट न खोलने व लोगों को लेने से मना कर दिया तो शाम को सभी लोग वापस लौट गए। इतना ही नहीं पाकिस्तान की तरफ से गेट न खोले जाने के चलते भारतीय नागरिक भी सीमा के इस पार नहीं आ सके और दोनों तरफ से लोग फंसे रहे।
पाकिस्तानी नागरिकों की ओर से लगातार गुहार लगाई जाती रही कि उन्हें अपने देश आने दिया जाए। इसी बीच दोनों तरफ फंसे लोगों के मन में डर का माहौल बन हुआ है। हालांकि भारत की ओर से भी बॉर्डर के गेट गुरुवार को नहीं खोले गए।
26 लोगों की हुई थी मौत
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में 22 अप्रैल को पहलगाम की बायसरन घाटी में दोपहर करीब तीन बजे आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसा कर 26 लोगों को मार डाला। ये आतंकी सेना की वर्दी में आए थे। आतंकियों ने पर्यटकों से पहले उनका धर्म पूछा, परिचय पत्र देखे और फिर हिंदू हो कहकर गोली मार दी। 26 मृतकों में दो विदेशी व दो स्थानीय नागरिक शामिल थे। इस आतंकी हमले के बाद भारत सकरार ने तुरंत प्रभाव से पाकिस्तान के नागरिकों को देश छोड़ने के आदेश दिए और हिंदू जल समझौते को रद्द कर दिया था।
