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80 साल में US के सबसे अलोकप्रिय राष्ट्रपति, शेयर बाजार भी सबसे ज्यादा गिरे
  • 151171416 - AKANKSHA DUBEY 0 0
    01 May 2025 20:33 PM



 फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया 

 

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल को हाल ही में 100 दिन पूरे हुए हैं। 20 जनवरी 2025 को जब उन्होंने राष्ट्रपति पद संभाला था, तब विश्लेषकों ने उनकी सरकार को जबरदस्त लोकप्रिय, ज्यादा अनुशासित और जुनून के साथ अपनी योजनाएं आगे रखने वाली सरकार करार दिया था। हालांकि, महज 100 दिन बाद ही अमेरिका में जो सर्वे, व्यापार से जुड़ा डाटा और शेयर बाजार की स्थिति के जो आंकड़े सामने आए हैं, उनके मुताबिक, ट्रंप के लिए राजनीतिक स्तर पर आगे की राह कठिन हो सकती है।
बता दें कि अमेरिका में राष्ट्रपति के पहले 100 दिन हमेशा से एक मील के पत्थर के तौर पर देखे जाते रहे हैं। इससे ही नई सरकारें यह तय करती हैं कि उनकी योजनाएं आम जनता के बीच पसंद की जा रही हैं या उन्हें इनसे कदम पीछे खींचने की जरूरत है। बाकी राष्ट्रपतियों के पहले 100 दिन के कार्यकाल से जुड़ा आंकड़ा जब तुलना में इस्तेमाल किया जाता है, तो यह ज्यादा साफ तस्वीर पेश करता है।
ऐसे में यह जानना अहम है कि आखिर अमेरिका में मौजूदा ट्रंप सरकार का क्या हाल है? उनके वादों के मुताबिक, अलग-अलग क्षेत्रों में अमेरिका का क्या हाल है? आव्रजन की स्थिति क्या रही है? इसके अलावा शेयर बाजारों पर उनके फैसलों का क्या असर पड़ा है? आइये जानते हैं...
क्या कहते हैं ट्रंप के लोकप्रियता-अलोकप्रियता से जुड़े आंकड़े?
राष्ट्रपतियों के 100 दिन के कार्यकाल के आधार पर सर्वे एजेंसियां एक सर्वेक्षण करती हैं, जिसके जरिए उनकी लोकप्रियता का पैमाना तय किया जाता है। डोनाल्ड ट्रंप की बात करें तो अपने पहले कार्यकाल के 100 दिन में वे दूसरे विश्व युद्ध के बाद से सबसे अलोकप्रिय राष्ट्रपति थे। हालांकि, 2025 में उनकी अलोकप्रियता ज्यादा है। यानी उनके काम को पसंद करने वालों की संख्या और घट गई है, जबकि नापसंद करने वालों की संख्या बढ़ी है।
इप्सॉस/वॉशिंगटन पोस्ट/एबीसी के सर्वे में चौंकाने वाली बात यह है कि डोनाल्ड ट्रंप दूसरे विश्व युद्ध के बाद से पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं, जिन्हें अपने कार्यकाल के पहले 100 दिन में भी अमेरिका की आधी आबादी का समर्थन नहीं मिला है। इस मामले में अमेरिका के पिछले राष्ट्रपति जो बाइडन का रिकॉर्ड काफी बेहतर रहा है।
कार्यकारी आदेश जारी करने में सबसे ऊपर रहे ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप ने अब तक अपनी अधिकतर नीतियों को लागू करवाने के लिए संसद का रास्ता चुनने की जगह कार्यकारी आदेशों का सहारा सबसे ज्यादा लिया है। 2017 में शपथग्रहण के बाद अपनी योजनाओं के लिए तब ट्रंप ने 33 कार्यकारी आदेश जारी किए थे, जो कि 1963 में लिंडन बी. जॉनसन के बाद सबसे ज्यादा थे। हालांकि, उनके बाद राष्ट्रपति पद संभालने वाले जो बाइडन ने पहले 100 दिन में 42 कार्यकारी आदेश जारी कर उनका रिकॉर्ड तोड़ दिया।
अपने दूसरे कार्यकाल में ट्रंप ने अपनी पुरानी योजनाओं को और जुनून से लागू करवाने की योजना रखी। इसके चलते जिस दिन ट्रंप ने शपथ ली, उसी दिन उन्होंने 26 अलग-अलग कार्यकारी आदेश जारी कर दिए। वहीं, बीते 100 दिन में उनके कुल कार्यकारी आदेशों की संख्या 141 तक पहुंच चुकी है।
ट्रंप के अधिकतर आदेश संघीय एजेंसियों को नई नीति तैयार करने के निर्देशों से जुड़े रहे हैं। जैसे अमेरिका की धरती से ज्यादा मात्रा में तेल निकालने का आदेश, प्लास्टिक स्ट्रॉ (पेय पदार्थों के लिए) को बंद करने का आदेश, दवाओं के दामों को लेकर आदेश, आदि। इसके अलावा उन्होंने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की नीतियों को निशाना बनाने के लिए भी कई आदेश दिए हैं। इनमें- डेमोक्रेट सरकार की आव्रजन और टैरिफ से जुड़ी नीतियों को बदलने और अमेरिकी संसद के कानूनों के ऊपर नियम बनाने से जुड़े आदेश भी शामिल हैं।
शेयर बाजारों की हालत कैसी रही?
अमेरिका में राष्ट्रपतियों की शुरुआती नीतियों के आधार पर शेयर बाजारों की चाल भी तय होती है। उदाहरण के तौर पर बराक ओबामा जब 2009 में सरकार में आए थे, तब अमेरिका का एसएंडपी सूचकांक 100 दिनों में करीब 8.4 फीसदी की बढ़त हासिल कर गया। इसी तरह 2017 में डोनाल्ड ट्रंप के शुरुआती 100 दिनों में शेयर बाजार 5.5 फीसदी तक बढ़ गया था। इसके बाद ट्रंप को हराने वाले बाइडन के राष्ट्रपति बनने के 100 दिन बाद शेयर बाजार में 9.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जो कि आधुनिक समय में रिकॉर्ड रहा।
हालांकि, अब 2025 में ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में शेयर बाजार बुरी तरह लड़खड़ाया है। एसएंडपी में ट्रंप के पहले 100 दिन में 16.91 फीसदी तक की गिरावट देखी जा चुकी है। यह स्थिति आठ अप्रैल को आई थी। हालांकि, तब से एसएंडपी संभला और 30 अप्रैल तक के डाटा के मुताबिक, यह ट्रंप के शपथ लेने के बाद से 7.27 फीसदी तक नीचे पहुंच चुका है।
आव्रजन पर पहले 100 दिन कैसा रहा प्रदर्शन?
जिस एक क्षेत्र में ट्रंप सरकार का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा, उनमें आव्रजन सबसे ऊपर है। फिर चाहे बात अमेरिका की सीमाओं पर अवैध तरह से देश में घुसने के लिए लोगों के जुटने की संख्या हो या पढ़ाई के लिए दिए जाने वाले वीजा की संख्या। अधिकतर मानकों के हिसाब से ट्रंप ने शरणार्थियों से लेकर अवैध प्रवासियों तक की संख्या में जबरदस्त कटौती दर्ज की है।
(i) सीमाई एंट्री के मसले पर क्या हुआ बदलाव?
बाइडन प्रशासन के दौरान अमेरिका की दक्षिणी सीमा यानी मैक्सिको बॉर्डर के आसपास भारी संख्या में अवैध घुसपैठियों की भीड़ देखी जाती थी। हालांकि, ट्रंप प्रशासन के दौरान इस संख्या में भारी गिरावट आई है। आंकड़ों के लिहाज से समझें तो अमेरिका में 2023 तक अमेरिका में एंट्री लेने वाले कुल प्रवासियों की संख्या 33 लाख थी। इसके बाद भी अलग-अलग मौकों पर यह आंकड़ा लाखों में रहा। जनवरी 2024 में अमेरिका में करीब 12.40 लाख लोग बॉर्डर के जरिए अमेरिका पहुंचे। वहीं, फरवरी 2024 में यह आंकड़ा 12.9 लाख तक पहुंच गया। हालांकि, ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद जनवरी-फरवरी 2025 में यह संख्या क्रमशः 801 और 640 रही है।
दूसरी तरफ लौटाए जाने वाले अप्रवासियों की संख्या में बीते महीनों के मुकाबले जबरदस्त इजाफा हुआ। जनवरी 2024 और फरवरी 2024 में यह संख्या करीब 52 हजार और 60 हजार थी। वहीं, 2025 में इन्हीं दो महीनों में यह संख्या क्रमशः 10.9 हजार और 10.4 हजार रही है।
(ii) पढ़ाई संबंधी वीजा के मुद्दे पर क्या हुआ?
दूसरी तरफ अमेरिका में बाइडन प्रशासन के दौरान छात्रों की पढ़ाई से जुड़े वीजा दिए जाने की संख्या काफी ज्यादा थी। वजह थी अमेरिका में मिलने वाली छात्रवृत्ति और यूनिवर्सिटीज की तरफ से अलग-अलग कार्यक्रम के तहत दी जाने वाली आर्थिक मदद। हालांकि, ट्रंप के कार्यकाल में शिक्षा मंत्रालय को ही खत्म करने का फैसला लिया गया, जिससे विश्वविद्यालयों को अरबों डॉलर की मदद रुक गई। इस तरह बीते महीनों में अमेरिका की तरफ से शिक्षा के लिए दिए जाने वाले वीजा की संख्या में कमी आई है।
इसके अलावा ट्रंप सरकार ने कई यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में प्रदर्शनों को लेकर भी सख्त रुख अख्तियार किया है। इनमें हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से लेकर कोलंबिया विश्वविद्यालय तक शामिल हैं। विदेश से आने वाले कई छात्रों को इस दौरान स्वतः निर्वासित करने के लिए कहा। नतीजतन अमेरिका में ट्रंप के आने के बाद से अकादमिक क्षेत्र के लिए दिए जाने वाले वीजा की संख्या भी पहले से कम हुई है।
ट्रंप से क्यों नाराज हैं अमेरिकी नागरिक?
इप्सॉस के पोल में कहा गया है कि डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बनने के बाद बीते 100 दिनों में अपनी शक्तियों का बेधड़क इस्तेमाल करने में लगे हैं। लोगों ने ट्रंप के संघीय कर्मियों की संख्या में कटौती से लेकर कोर्ट के आदेश न मानने तक के व्यवहार की शिकायत की है।
ट्रंप के सभी मूल मुद्दों पर समर्थन से ज्यादा उनका विरोध?
डोनाल्ड ट्रंप ने 2024 में जब अपना राष्ट्रपति अभियान शुरू किया था, तब उन्होंने मुख्यतः सात मुद्दों को उठाया था और इन क्षेत्रों में अमेरिका को बेहतर बनाने की मांग की थी। ये मुद्दे थे- आव्रजन, संघीय सरकार की दक्षता बढ़ाना, अमेरिका के आम लोगों की आर्थिक हालत सुधारना, अर्थव्यवस्था में सुधार, अमेरिका के अन्य देशों से रिश्ते बेहतर करना, दूसरे देशों से व्यापार में संतुलन बनाना, टैरिफ लगाना और स्टॉक मार्केट को स्थिर करना। सर्वे में इन पर भी लोगों ने अपनी राय रखी।

 

 



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