फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गुरुवार को मांग की कि केंद्र आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा को हटाए और इसे बढ़ाकर 68 प्रतिशत करे। खरगे ने केंद्र सरकार पर शुरू में जाति जनगणना कराने के लिए उत्सुक नहीं होने और कांग्रेस पार्टी की तरफ से बनाए गए दबाव के बाद सहमत होने का भी आरोप लगाया।
'केंद्र आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा को हटाए'
हुबली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'मैं मांग करता हूं कि केंद्र आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा को हटाए और इसे बढ़ाकर 67 से 68 प्रतिशत करे।' कांग्रेस ने 'संविधान बचाओ, देश बचाओ' के तहत कार्यक्रम आयोजित किया। यह कार्यक्रम मूल्य बढ़ोतरी के खिलाफ भी है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी के लिए केंद्र जिम्मेदार है। खरगे के अनुसार, तमिलनाडु सरकार की तरफ से दिए गए आरक्षण के अनुरूप आरक्षण को बढ़ाकर 68 प्रतिशत किया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र आरक्षण को 67 से 68 प्रतिशत करने के रास्ते पर आ रहा है।
पता नहीं केंद्र को कितनी सद्बुद्धि आई- खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि केंद्र शुरू में जाति जनगणना कराने के लिए उत्सुक नहीं था। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, 'केंद्र कभी भी जनगणना नहीं करना चाहता था, लेकिन हमें नहीं पता कि उन्हें कितनी सद्बुद्धि आई।' उन्होंने यह भी जानना चाहा कि 2021 में जनगणना क्यों नहीं हुई। खरगे ने कहा कि अगर जनगणना तब होती, तो हमें नागरिकों की स्थिति, उनकी प्रति व्यक्ति आय, उनके वेतन, सृजित नौकरियों की संख्या और गरीबी से बाहर आए लोगों की संख्या का पता चल जाता।
'केंद्र सरकार इस काम को पूरे मन से नहीं कर रही'
कांग्रेस प्रमुख ने आगे कहा, 'अब जब भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने इसे कराने का फैसला किया है, तो हमारा अनुमान है कि केंद्र सरकार इस काम को पूरे मन से नहीं कर रही है।' खरगे ने गणना का काम पूरा करने के लिए तीन महीने की समय सीमा तय की। उन्होंने कहा, 'आपको इसे तीन महीने में पूरा करना होगा, तभी हम यह निष्कर्ष निकालेंगे कि आप जनगणना कराने में रुचि रखते हैं। अगर आप ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो हम मान लेंगे कि आप इसके लिए इच्छुक नहीं हैं।'
'केंद्र बताएं कि पहलगाम में क्या और क्यों हुआ'
उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे पूरा कराने के लिए केंद्र पर दबाव बनाया था। राज्यसभा में विपक्ष के नेता खरगे ने पहलगाम आतंकी हमले पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग दोहराई। उन्होंने पूछा, 'हमें बताएं कि पहलगाम में क्या और क्यों हुआ। क्या यह केंद्रीय बलों, स्थानीय पुलिस या सीमा सुरक्षा बलों की खुफिया और सुरक्षा चूक के कारण हुआ?' खरगे ने कहा कि आतंकवादियों ने 26 निर्दोष लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी, केंद्र को घटना का ब्यौरा बताना चाहिए। उन्होंने सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग दोहराई।
