पहलगाम आतंकी हमले के बाद सीसीएस की यह दूसरी बैठक इस लिहाज से अहम रही कि मंगलवार को रक्षामंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ हुई शीर्ष स्तरीय बैठक में प्रधानमंत्री ने तीनों सेनाओं को पहलगाम हमले के परिप्रेक्ष्य में जवाबी सैन्य कार्रवाई की पूरी छूट दे दी थी। आतंकवाद को करारा जवाब देने के राष्ट्र के संकल्प को दोहराते हुए पीएम ने इस बैठक में सेनाओं की पेशेवर क्षमता पर पूरा भरोसा जताते कहा था कि हमारी जवाबी कार्रवाई का तरीका, टारगेट और समय इस तरह के सभी ऑपरेशनल निर्णय लेने के लिए सैन्य बलों को खुली छूट है।

 

CCS की बैठक में कौन-कौन थे शामिल?

सीसीएस की बुधवार को हुई बैठक में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, विदेशमंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल मौजूद थे। पहलगाम हमले के बाद बुधवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड में किया गया बदलाव इस रणनीति के हिसाब से महत्वपूर्ण है कि भारतीय सैन्य बलों की ओर से आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की संभावनाएं प्रबल हैं।

 

 
बताया जाता है कि जोशी के अलावा पश्चिमी एयर कमान के पूर्व कमांडर एयर मार्शल पीएम सिन्हा, सेना के दक्षिणी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल ए के सिंह और नौसेना के पूर्व रियर एडमिरल मोंटी खन्ना को बोर्ड का सदस्य बनाया गया है। जबकि पूर्व राजनयिक बी वेंकटेश वर्मा और पूर्व आईपीएस राजीव रंजन वर्मा भी इसके सदस्य नियुक्त किए गए हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड एक परामर्शी निकाय है जो देश की सुरक्षा से जुड़े मामलों में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय को रणनीतिक इनपुट प्रदान करता है।
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