फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया यूपी कासगंज l नगर कासगंज में साहित्यिक संस्था 'साहित्य संकल्प' के तत्वावधान में श्री डीडू माहेश्वरी युवक मण्डल एवं एसोसिएशन ऑफ़ डेमोक्रेटिक ह्युमेन राइट द्वारा श्रीमती गंगा देवी भवन में अखिल भारतीय कवि सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के संस्थापक हास्यकवि निर्मल सक्सेना के निर्देशन में आयोजन अमित सक्सेना ने किया l जिसकी अध्यक्षता गोपाल माहेश्वरी ने की, तो कार्यक्रम का संयोजन चाचा मुरारी लाल वार्ष्णेय ने किय l सम्मान समारोह का संचालन नगर के श्रेष्ठ कवि मनोज मंजुल ने किया l
मुख्य अतिथि के रूप में मुख्य विकास अधिकारी सचिन , अपर जिलाधिकारी राकेश पटेल , मुख्य चिकित्सा अधीक्षक जिला चिकित्सालय कासगंज डॉ संजीव सक्सेना, नगर पालिका अध्यक्ष मीना बौहरे एवं पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष राजेंद्र बौहरे की उपस्थित रही।
अतिथियों ने माँ सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन एवं माल्यार्पण किया l जिसके उपरान्त डॉ शुभम त्यागी ने माँ वाणी की वंदना की l "आओ मैया शारदे मैं तेरे चरण पखारूंगी।
बैठके तेरे सम्मुख मैया तेरा रूप निहारुँगी।"
बरेली से पधारे कवि कमल कान्त तिवारी ने ओजस्वी कविता" पहलगाम के हमलाबर को मज़ा चखाना ही होगा।उग्रबाद के आकाओं के आकाओं का रक्त बहाना ही होगा।"मैनपुरी से पधारे वीररस के कवि मनोज चौहान ने आतंकवाद पर हमला करते हुए काव्य पाठ किया l हम भारत के वीर बांकुरे क्या समझे चुप धारेंगे।खुली चुनौती तुझको तेरे धड़ से शीश उतारेंगे। तो सारा सदन जय श्री राम और भारत माता के जयकारों से गूँज उठा।आगरा से आये कवि गया प्रसाद मौर्य रजत ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ गाँव का दर्द पढ़ा l चाकी पीसत उमर गई हमारी बुधिया ताई की।
मेरठ से आयी श्रंगार की कवयित्री डॉ शुभम त्यागी ने धड़कने बढ़ाते हुए पढ़ा l कोई नगमा गुनगुनाना अच्छा लगा।रूठना तेरा मनाना और भी अच्छा लगा। हास्य के बेताज बादशाह सबरस मुरसानी ने लोगों को देर तक हँसाया l कारी सी एक कढ़इया सी तू। मरखनी एक गैया सी तू। बहजोई से पतारे कवि डॉ सौरभ कान्त शर्मा ने मंच को लुटते हुए मार्मिक रचना रामायण पा प्रसंग पढ़ा तो सारे श्रोता भाबुक हो गए l पूरा नहीं बस आधा देदो,रोने को तुम हे सीता, मुझको अपना कन्धा देदो।विश्व विख्यात कवि यशभारती डॉ विष्णु सक्सेना ने युवा दिलों की धड़कन को बढ़ाते हुए अपना काव्यपाठ किया तो सारा भवन तालियों से गुंजायमान हो उठा।उनके एक एक मुक्तक ने श्रोताओं के लिए इम्युनिटी का बूस्टर डोज़ का जाम किया । एक बाद एक कई गीत सुनने के बाद भी श्रोताओं ने उनसे वही पुराना गीत "रेत पर नाम लिखने का क्या फायदा। एक आई लहर कुछ बचेगा नहीं।
तुमने पत्थर का दिल हमको कह तो दिया,पत्थरों पर लिखोगे मिटेगा नहीं। बेटियों का गीत सुना कर डॉ विष्णु सक्सेना ने सबकी आँखें नम कर दीं।कविसम्मेलन का कुशल संचालन बेहजोई से आए कवि सौरभ कान्त शर्मा ने किया l
कार्यक्रम में नवनिर्वाचित भजपा के जिलाध्यक्ष नीरज शर्मा, बरेली कालेज के प्रोफेसर डॉ नीरज सक्सेना, डॉ नवीन गौड़, डॉ अखिलेश गौड़, डॉ सुरेन्द्र गुप्ता, संभव जैन, डॉ प्रवेश माहेश्वरी, प्रदीप रघुनन्दन, दुर्गेश माहेश्वरी, दीप्ती माहेश्वरी, मुकेश सक्सेना प्रधान, सत्यनारायण वार्ष्णेय को 'संकल्प सेवारत्न' से संस्था के पदाधिकारीयों डॉ संजय सिन्हा, कृष्ण अजमेरा, मधु सक्सेना, मनोज मंजुल और ललित नारायण बिड़ला द्वारा सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में सर्वश्री अरविन्द कावरा, राजीव कावरा, सुनील दरक, सुनील विजय, विजय राठी, हीरेंद्र माहेश्वरी, राकेश बिड़ला, नितिन जोहरी, वी पी सक्सेना, दीपक गुप्ता, प्रदीप सक्सेना, अतुल सक्सेना, विनय राज पन्नू, राज गुप्ता, अखिलेश अग्रवाल, राजेंद्र गुप्ता, राजू सर्राफ, अनिरुद्ध पल्तानी, राकेश चोला, जितेंद्र वार्ष्णेय, सतीश गुप्ता, अशोक अग्रवाल, मनोज अग्रवाल, राव मुकुल मानसिंह, गिरिराज वार्ष्णेय, संजीव पलतानी के साथ नगर के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में संस्थापक हास्यकवि निर्मल सक्सेना ने धन्यवाद देते हुए कार्यक्रम के समापन की घोषणा की। रिपोर्ट संजय सिंह 151110069
