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सरकार का अनदेखा 90% कर्मचारी कर्ज पर जीवन चला रहे हैं
  • 151173894 - PARMATMA NAND SINGH 0 0
    25 Apr 2025 07:30 AM



यूपी लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश शासन द्वारा मान्यता प्राप्त का द्विवार्षिक अधिवेशन ए.पी. सेन सभागार लखनऊ विश्वविद्यालय में संपन्न हुआ जिसमें देश के कई राज्यों के अध्यक्ष/महामंत्री विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। मुख्य अतिथि इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वी पी मिश्र रहे। सभा का संचालन राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के प्रान्तीय महामंत्री अतुल मिश्र नें किया। अधिवेशन के द्वितीय सत्र में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के प्रान्तीय अध्यक्षके पद पर सुरेश रावत, वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरीश चन्द्र मिश्रा, महामंत्री अतुल मिश्रा, संप्रेक्षक प्रदीप त्यागी सर्वसम्मति से दोबारा निर्वाचित किए गए। 

उपरोक्त जानकारी देते हुए परिषद के अध्यक्ष सुरेश रावत एवं महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि इस अधिवेशन में 75 जनपदों के अध्यक्ष/मंत्री एवं संबद्ध संगठनों के अध्यक्ष/महामंत्री एवं पर्यवेक्षक शामिल थे। अधिवेशन के प्रथम सत्र में सर्वप्रथम मुख्य अतिथि एवं छत्तीसगढ़, हिमाचल, जम्मू एंड काश्मीर, गुजरात के अध्यक्ष/महामंत्री विशिष्ट अतिथियों को पुष्प गुच्छ एवं अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया। 

मुख्य अतिथि वीपी मिश्र ने कहा कि वर्तमान में कर्मचारियों का अस्तित्व खतरे में है क्योंकि सरकार राजकीय विभागों संस्थाओं का निजीकरण करती जा रही है। भर्तियां आउटसोर्स के माध्यम से हो रही हैं। आयोग द्वारा कुछ पदों पर चयन होता है तब तक उतने ही कर्मचारी सेवानिवृत्ति हो जाते हैं स्थिति जहां की वहां रह जाती है। विभागों में 75% आउटसोर्स के कर्मचारी हैं। शेष आउटसोर्सिंग संविदा के हैं जिन्हें बहुत ही कम पारिश्रमिक मिलता है उनका जीना दुभर हो गया है। 

मध्यम श्रेणी के लोग भीषण महंगाई से त्रस्त हैं। बच्चों को शिक्षा दिलाना कठिन हो गया है। 90% कर्मचारी कर्ज पर जीवन चला रहे हैं। उन्होंने कर्मचारियों से अपील की है की जाति धर्म से हटकर अपनी एकता मजबूत करें। छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष अनिल शुक्ला एवं ओपी शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नी एक देश एक चुनाव का नाम दिया है। कर्मचारियों की मांग है कि एक देश एक वेतन भर्ती सुविधाएं कर्मचारियों को दी जाए जिससे देश में आंदोलन बंद हो जाएंगे। सभा को जम्मू कश्मीर के अध्यक्ष शाह फैजल ने कहा कि आठवें वेतन आयोग के अध्यक्ष का चयन एवं वेतन आयोग को 1 जनवरी 2026 से लागू किया जाए। जम्मू कश्मीर के अध्यक्ष एच के मांडवीया ने कहा कि आउटसोर्सिंग संविदा पर भर्ती बंद कर सभी पदों पर नियमित भर्ती की जाए तथा पदोन्नतियां समय से की जाएं तथा पुरानी पेंशन को बहाल किया जाएं। क्योंकि पेंशन के बिना सेवानिवृत कर्मचारियों का जिना दुभर हो गया है एक देश एक पेंशन को लागू किया जाए। 

चर्चा में भाग लेते हुए रा. कर्म. सं.प.गाजीपुर के जिलाध्यक्ष दुर्गेश श्रीवास्तव नें प्रश्न उठाया कि वे कौन से कारण हैं कि पिछले सात वर्षों में उत्तर प्रदेश के मा. मुख्य मंत्री नें अब तक एक बार भी इतने बड़े प्रान्तीय संघ के प्रान्तीय पदाधिकारियों को बुलाकर वार्ता तक नहीं की। ललकारे कि जब तक राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रान्तीय नेतृत्व में कर्मचारी -शिक्षक सरकार की लाठी खाने व जेल जाने की सीमा तक आंदोलन नहीं करेंगे तो सरकार आपकी एक भी बात सुनने को तैयार नहीं होगी। जोर देकर बोले की अब समय आ गया है कि प्रान्तीय अध्यक्ष का पद पूर्वांचल को मिलना चाहिए फिर देखते हैं कि सरकार के मुखिया वार्ता के लिए परिषद को क्यों नहीं बुलाते। परिषद के पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रान्तीय उप महामंत्री आनंद मिश्र नें बताया कि जब तक पूरे प्रदेश का कर्मचारी -शिक्षक एक मंच पर आकर सरकार से दो दो हाथ करने के लिए तैयार नहीं हो जाता तब तक सरकार पुरानी पेंशन सहित कोई मांग आसानी से पूरा करने वाली नहीं है। सभा का प्रारम्भ राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के जिलाध्यक्ष शैलेन्द्र सिंह के हर हर महादेव के उद्घोष के साथ प्रारम्भ हुआ।

डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के प्रान्तीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश फार्मेसी कौन्सिल के चेयरमैन संदीप बडौला अपने क्रन्तिकारी उद्बोधन में बोले कि आज किसी भी एक संघ में दम नहीं है कि बड़ा आंदोलन करके अपनी मांगे सरकार से मनवा ले। बोले कि जनपदों में धरना प्रदर्शन और मशाल जुलुस निकालनें से कुछ नहीं होगा। समस्यावों का समाधान सभी कर्मचारी संघो एक मंच पर आये बिना सम्भव नहीं है। बताये कि मैंने अपने स्तर से सभी को एक मंच पर लाने का प्रयास किया परन्तु इनको एक मंच पर लाना मेढकों को एक तराजू पर तौलने से भी जैसा है जैसे कोई तराजू पर से इधर भागता है कोई उधर भागता है, आज जो हमारे साथ परिषद के मंच पर कुछ लोग बैठे नजर आते हैं वे आंदोलन के दौरान दूसरे खेमे में नज़र आते हैं। बोले कि सरकार जान रही है कि जब लोक सभा व विधान सभा के चुनाव होंगे तो कर्मचारी जाति वाद और क्षेत्रवाद में बंट जायेगा इसीलिए सरकार कर्मचारियों को गंभीरता से नहीं लेती है।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के नवनिर्वाचित पदाधिकारी क्रमशः प्रान्तीय अध्यक्ष सुरेश कुमार रावत, वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरीश कुमार मिश्रा एवं महामंत्री अतुल मिश्रा ने इप्सेफ के पदाधिकारियों का अभिवादन करते हुए विश्वास दिलाया कि देशभर के कर्मचारियों के हित में जो भी कार्यक्रम होगा उसे पूर्व की भांति सफल बनाया जाएगा। उन्होंने चिंता व्यक्त की उत्तर प्रदेश सरकार के प्रभारी अधिकारी वार्ता मांगों पर बैठक नहीं करते हैं यहां तक कि सचिवालय प्रवेश पत्र भी जारी नहीं किये जा रहें है। जिससे संगठन के पदाधिकारी शासन में संपर्क नहीं कर पाते हैं। मुख्यमंत्री जी एवं मुख्य सचिव के आदेश पर कोई सुधार नहीं हो रहे हैं। जिससे बड़े आंदोलन की स्थिति बन रही है, जिसका उत्तरदायित्व राज्य सरकार का होगा। 

जवाहर भवन इंद्रा भवन महासंघ के अध्यक्ष सतीश पांडेय, डी पी ए के अध्यक्ष संदीप बडोला , कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के कैसर रजा ,निगम महासंघ के अध्यक्ष मनोज मिश्रा एवं महामंत्री घनश्याम यादव लखनऊ, परिषद के सचिव डा पी के सिंह ,कोषाध्यक्ष राजीव तिवारी आदि प्रांतीय पदाधिकारियों एवं मंडलीय /संगठन के पदाधिकारी सहित मऊ जनपद के पी एन सिंह गजेंद्र सिंह अविनाश सिसौ दिया अजय कुमार बलिया से मलय पाण्डेय योगेंद्र पाण्डेय गाजीपुर से ओंकार नाथ पाण्डेय अभय सिंह एस. टी. गिरी चंद्रशेखर यादव अनिल जनपद चंदौली से जितेंद्र बहादुर सिंह बृजेश सिंह रोशन कुमार सहित अन्य सभी जनपदों के पदाधिकारी गण मौजूद रहे। रिपोर्ट-पीएन सिंह 151173894



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