मध्य प्रदेश ग्वालियर। ईश्वर के प्रति प्रेम भक्ति आराधना के लिए नहीं है धन की आवश्यकता, किसी भी हनुमान जी के मंदिर(स्थान) के महंत विज्ञापन द्वारा धन उगाई कर रहे हैं यह हनुमान जी महाराज का घोर अपमान, संकट मोचन हनुमान बालाजी धाम मंदिर गोलपाड़ा के चरण सेवक जगबीर दास का कहना है कि प्रभु हनुमान (बाला)जी महाराज के चरणों से जुड़ा महंत, महाराज, पुजारी, सेवक यदि विज्ञापन द्वारा किसी भी तरह के धन की मांग कर रहा है तो वह प्रभु हनुमान जी महाराज का घोर अपमान कर रहा है जगबीर दास का कहना है कि प्रभु (ईश्वर) हनुमान जी महाराज को प्रेम करने के लिए उनकी भक्ति करने के लिए उनकी आराधना करने के लिए उनकी सेवा करने के लिए तन मन की आवश्यकता है ना कि धन की मंदिर की व्यवस्था हेतु पुजारी के भरण पोषण की यदि वह मंदिर पर निर्भर है तो श्रद्धा स्वेच्छा से चढ़ने वाले दान दक्षिणा से पूर्ति हो सकती है। यदि कोई मंदिर का महंत दूसरों की भलाई करना चाहता है तो वह अपने तन मन धन से कर सकता है। लेकिन आए दिन देखने में आ रहा है कि मंदिर की दान दक्षिणा से महंत और महाराज बने बैठे बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री जैसे जो कि अभाव में जीने की बात करते हैं उनके घर परिवार का भरण पोषण अभाव में बीता है ऐसा उनका कहना है और अब वह हवाई यात्राएं कर रहे हैं विदेश जा रहे हैं वाणी को बेचकर कथा की कीमत वसूल रहे हैं इससे भी उनका मन संतुष्ट नहीं हो रहा है तब बह धार्मिक चैनलों पर विज्ञापन देकर धन उगाई कर रहे हैं पहले उन्होंने सत्संग हॉल बनाने के नाम पर धन उगाई की। अब वह अन्नपूर्णा रसोई के नाम से उगाई कर रहे हैं। देखे मध्य प्रदेश से कृष्ण कान्त रजक की रिपोट 151169735
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