बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मंगलवार को महाकाल के दर्शन किए। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, 'महाकाल से मध्यप्रदेश और देश के कल्याण की मंगलकामना की। भारत हिंदू राष्ट्र हो, इसके लिए हमने रुद्राभिषेक किया, धर्म विरोधियों की ठठरी बंधे।'
fast news india से बातचीत में उन्होंने कहा, महाकाल की प्राचीन परंपरा बरकरार रहनी चाहिए, यहां के पुजारियों की परंपरा बरकरार रहनी चाहिए, प्राचीन परंपरा अक्षुण्य रहनी चाहिए, इससे संस्कृति जीवंत रहेगी। कुछ धर्म विरोधी यहां पर भी टांग अड़ाना चाहते हैं।'
महाकाल के मंगलवार भस्म आरती दर्शन...
महाकाल को फल और मिष्ठान का भोग लगाया गया। भस्म आरती में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया।
भगवान का राजा स्वरूप में श्रृंगार
मंगलवार सुबह 4 बजे भगवान महाकाल का जलाभिषेक और दूध, दही, घी, शक्कर, फलों के रस से बने पंचामृत से पूजन किया। प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढांककर भस्मी रमाई गई। भगवान महाकाल का भांग, सूखे मेवों, चंदन, आभूषण और फूलों से राजा स्वरूप में श्रृंगार किया गया। भस्म अर्पित करने के पश्चात शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुंडमाल और रुद्राक्ष की माला के साथ सुगंधित पुष्प से बनी माला अर्पित की गई।