फास्ट न्यूज़ इंडिया उत्तराखंड गदरपुर। करीब पांच दशक से वर्ग चार की भूमि पर खेती कर रहे किसानों को दरकिनार कर राजस्व विभाग की टीम भूमि की हदबंदी करने पहुंच गई। इस पर टीम को ग्रामीणों और किसानों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। एसडीएम और सीओ ने किसानों का पक्ष सुना। जानकारी के अनुसार ग्राम खेमपुर निवासी प्रेमचंद और उनके भाई सतपाल भांबरी पिछले पांच दशकों से खानपुर पश्चिम मार्ग पर करीब दो एकड़ भूमि पर काबिज हैं। दस वर्ष पहले प्रेमचंद की मृत्यु के बाद उनके पुत्र अजय कुमार, अशोक कुमार और विजय कुमार को पता चला कि राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने वर्ग चार के नाम दर्ज भूमि को वर्ग पांच में तब्दील कर दिया है। भूमि को गदरपुर में प्रस्तावित डिग्री कॉलेज के भवन के लिए स्थानांतरित कर दिया है। उनको किसी प्रकार की कोई सूचना नहीं दी गई है। बुधवार को एसडीएम गौरव पांडेय के निर्देश पर तहसीलदार लीना चंद्रा, नायब तहसीलदार देवेंद्र सिंह बिष्ट, डिग्री कॉलेज के प्रतिनिधियों और पुलिस टीम के साथ भूमि की हदबंदी करने के लिए मौके पर पहुंच गए। टीम के भूमि की हदबंदी करने आने की जानकारी होने पर भांबरी परिवार के तमाम लोग मौके पर एकत्र हो गए और हदबंदी के कार्य का विरोध करना शुरू कर दिया। उनका कहना था कि तहसील प्रशासन मनमाने तरीके से भूमि की हदबंदी कर रहा है जबकि उनका यह वाद न्यायालय में विचाराधीन है। उन्होंने राजस्व कर्मियों से आदेश की प्रति दिखाने की मांग दोहराई। राजस्व विभाग की टीम ने पुलिस फोर्स की मौजूदगी में सीमेंट के खंभे लाकर हदबंदी करने की कोशिश की तो ग्रामीणों में आक्रोश भड़क गया। उन्होंने तहसील प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए खेत में डेरा जमा दिया। इस बीच भारी संख्या में पुरुष और ग्रामीण महिलाएं भी मौके पर पहुंच गए और उन्होंने धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। तपतपाती गर्मी से अविनाश कुमार नामक किसान और कैलाश रानी महिला गश खाकर गिर गई। किसानों और ग्रामीणों के आक्रोश और हालत को बिगड़ते देख एसडीएम गौरव पांडेय और सीओ आर्य वहां पहुंचे। भाकियू अराजनैतिक के प्रदेश अध्यक्ष सलविन्दर सिंह कलसी और ब्लाक अध्यक्ष राजेंद्र कंबोज ने वहां पहुंचकर कहा कि किसानों का उत्पीड़न किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस दौरान अशोक भांबरी, उत्तमचंद, मनोहर लाल, सतपाल मैनी, विजय कुमार, श्वेता रानी, अनिता रानी, विमला रानी आदि मौजूद रहे। डिग्री कॉलेज के लिए करीब दो एकड़ भूमि चिह्नित की गई थी, जिस पर अवैध रूप से काबिज किसान विरोध कर रहे है। भूमि संबंधी मामला न्यायालय में विचाराधीन है। चिहि्नत भूमि सरकार की संपत्ति है। किसानों को 20 दिन की मोहलत दी गई है। इस अवधि में किसान अपने पक्ष में सक्षम न्यायालय का आदेश नहीं दिखा पाते हैं तो हदबंदी की कार्रवाई की जाएगी। - गौरव पांडेय, एसडीएम गदरपुर। शाहनूर अली स्टेट ब्यूरो चीफ उत्तराखंड 151045804