उम्र 62 जुर्म 113, खौफ का पर्याय लेडी डॉन
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नई दिल्ली: भले ही महिला शब्द से आम इंसानों के मन में करुणा, ममता और दुलार के भाव उमड़ते हों, मगर पुलिस के हत्थे एक ऐसी महिला चढ़ी है, जिसकी जुर्म की कहानी जानकर पल भर में ये भाव क्षणभंगुर हो जाएंगे. दरअसल, दक्षिणी दिल्ली का संगम विहार इलाका अपराध का गढ़ हो गया था. एक महिला का खौफ ऐसा था कि लोग संगम विहार संकट विहार बोलने लगे थे. मगर अब ज़ुर्म की दुनिया में बादशाहत काम रखने वाली दिल्ली की लेडी डॉन अब पुलिस के शिकंजे में आ फंसी है. दिल्ली की टॉप 5 महिला बदमाशों की वांटेड लिस्ट में शामिल 62 साल की बशीरन को आखिरकार पुलिस ने धरदबोचा है. इस लेडी डॉन के खौफ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह 45 साल पहले ही जुर्म की दुनिया में कदम रख चुकी थी, मगर पुलिस को पकड़ने में उसे इतने साल लग गये. लेडी डॉन का तमगा हासिल कर चुकी बशीरन को उसके साथी गैंगस्टर और सिपहसालार मम्मी कहकर बुलाते हैं. हैरानी होगी यह जानकर कि 62 वर्षीय बशीरन पर हत्या सहित करीब 113 आपराधिक मामलें हैं. खैर, पुलिस ने 17 अगस्त को दिल्ली के संगम विहार इलाके से उसे धरदबोचा है.
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बशीरन की गिनती पुलिस रिकॉर्ड में टॉप 5 महिला बदमसशों में होती है. इसके ऊपर लूट, हत्या, फिरौती, अवैध रूप से शराब बेचने, झपटमारी और कॉन्ट्रैक्ट किलिंग से जुड़े 113 मामलों में शामिल है. यानी ऐसा कोई अपराध नहीं है, जिसे इस महिला ने अंजाम न दिया हो, या फिर अपने गुर्गों से दिलाया हो. हैरानी तो उस वक्त होती है जब यह पता चलता है कि इसके परिवार के सभी लोग इसी अपराध की दुनिया में जी रहे हैं. यानी बशीरन खुद को अपराध की दुनिया में आई ही, मगर अपने बच्चों को भी इससे दूर रखने की बजाय अपराध में धकेला. बशीरन के आठ बेटे हैं और ये सभी अपराध में शामिल हैं.
कहा तो यह भी जाता है कि बशीरन न सिर्फ अपने बच्चों को बल्कि इलाके के कई बच्चों को अपनी गैंग में शामिल किया और जुर्म का साम्राज्य खड़ा किया. कई मामलों में नामजद होने के बाद भी पुलिस की नजरों से अगर इतने समय तक बशीरन बची रही, तो इसका मतलब है कि इसके साम्राज्य की दीवारें काफी मजबूर रही होंगी. पुलिस के मुताबिक बशीरन इलाके के सैकड़ों नाबालिग बच्चों को भी पहले नशे की लत लगाई और फिर उन्हें अपनी गैंग में शामिल कर लिया. बशीरन जुर्म के मायाजाल को खड़ा करने और इसे बडा़ बनाने के लिए बच्चों को लालच देती थी, उसे नशे की लत लगाती थी, अच्छी जिंदगी का वादा कर नर्क में धकेल देती थी और फिर एक बार जब बच्चा जुर्म की दुनिया में कदम रख लेता है तो उसका यहां से निकला मुश्किल हो जाता है, ऐसा है बशीरन का साम्राज्य.
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स्थानीय निवासी बताते हैं कि बशीरन के आतंक का साया ऐसा था कि रात में आठ बजे के बाद कोई महिला रोड पर चलने से डरती थी. बशीरन का सॉफ्ट टारगेट बच्चे होते थे. वह 8-10-12 साल के बच्चों को अपना शिकार बनाती थी. बशीरन अपने गैंग में शामिल करने से नाबालिग बच्चों में पहले नशे की आदत डालती (चरस, गांजा खिलाना-पिलाना) जब 6-7 महीने में आदत पड़ जाती है तो फिर उनको यह बदमाश बनाती है. उन्हें चाकू, छुरा, रिवॉल्वर देती और फिर जुर्म की दुनिया में उसका स्वागत करती. बशरीन के आठ बेटे हैं. यह परिवार में अपराध में ऐसा लिप्त है कि इस परिवार से इलाके के लोग खौफ खाते हैं.
बशीरन का इलाके में दिल्ली की सरकारी पानी की पाइप लाइन पर कब्ज़ा रहा है. वह यहां अपने तरीके से पानी बांटती है और लोगों से घंटे के हिसाब से पैसे वसूलती रही है. खौफ इतना ज्यादा कि क्या मजाल कोई लेडी डॉन के खिलाफ में आवाज बुलंद कर दे. बशीरन का खौफ इतना कि आसपास के लोग अपने घरों से झांकते तो नज़र आए लेकिन उसके खिलाफ मुंह खोलने वाले कभी न मिले. मगर कहते हैं न कि जुर्म की दीवारें चाहे जितनी भी ऊंची कर लो, एक न एक दिन कानून के हांथ वहां तक पहुंच ही जाते हैं. आखिरकार बशीरन का पाप का घड़ा भरा और कानून ने अपना काम कर दिखाया.
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बताया जाता है कि बशीरन पर शिकंजा कसना तब शुरू हुआ, जब पिछले साल बशीरन ने जंगल में सितंबर में एक कॉन्ट्रैक्ट लेकर हत्या को अंजाम दिया था. बशीरन के गैंग ने उस शख्स की न सिर्फ हत्या की, बल्कि उसे जंगल में जला भी दिया था. हालांकि, सप्ताह दिन बाद पुलिस को उसका अधजला और संड़ा-गला शव मिला था. मृतक की बाद में पहचान होने पर कुछ को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस जांच में पता चला कि इस हत्या के पीछे भी बशीरन का ही हाथ है. इसके बाद से ही पुलिस उसकी तलाश में लगी थी और बशीरन पुलिस से नजर चुराकर फरार थी. मगर 17 अगस्त को आखिर कार पुलिस ने उसे संगम विहार इलाके से ही गिरफ्तार कर लिया. बता दें कि मामले में कोर्ट ने उसे भगोड़ा भी घोषित कर दिया था. कोर्ट ने उसके घर को भी सील कर दिया था. बहरहाल आखिरकार वह अब सलाखों के पीछे चली गई है.